उत्तराखंड: तीरथ सिंह रावत के सीएम बनते ही एक्शन मोड़ में दिखी पौड़ी जिला प्रशासन, हुए ये बदलाव

त्रिवेंद्र सिंह रावत की विदाई के बाद उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री के तौर पर पौड़ी-गढ़वाल से लोकसभा सांसद तीरथ सिंह रावत ने  शपथ ली. विधायक दल की बैठक में नेता चुने गए रावत साल 2012 से 2017 तक भाजपा के विधायक रह चुके हैं और साल 2000 में शिक्षामंत्री भी रह चुके हैं.

ऐसे में सीएम का पदभार संभालने के बाद जिला प्रशासन ने इन निर्देशों पर अमल करते हुए बड़ी तेजी के साथ समाज कल्याण विभाग के दफ्तर को शिफ्ट कर दिया है. दफ्तर को विकास भवन में प्रवेश करते ही एंट्री रूम के पास बना दिया है जिससे यहां पहुंचने में वृद्धों और दिव्यांगों को दिक्कतें नहीं होंगी.

उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की प्रोफाइल पर नजर डालें तो वह बिरला कॉलेज श्रीनगर गढ़वाल से समाजशास्त्र विषय से पोस्ट ग्रेजुएट की पढ़ाई कर चुके हैं. पत्रकारिता में भी उनके पास डिप्लोमा की डिग्री है.

ये दफ्तर पहले विकास भवन की तीसरी मंजिल पर था. रैंप रैलिंग की व्यवस्था न होने के कारण बार-बार योजनाओं का लाभ लेने के लिये विभाग तक पहुंचने के लिये लोगों को परेशानी होती थी. समाज कल्याण विभाग और जिला प्रशासन से लोग इसे शिफ्ट करने की गुहार भी लगा चुके थे. वहीं अब तीरथ सिंह रावत के सीएम बनते ही अधिकारियों ने फटकार से बचने के लिये दफ्तर को शिफ्ट कर दिया है.

9 अप्रैल 1964 को पौड़ी गढ़वाल के सीरों गांव में जन्मे 56 वर्षीय तीरथ सिंह रावत छात्र जीवन में संघ के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ गए थे. हेमवती नंदन गढ़वाल विश्वविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष रह चुके हैं. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद उत्तराखंड के प्रदेश संगठन मंत्री और बाद में एबीवीपी के राष्ट्रीय संगठन मंत्री भी रहे.

 

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