इन दिनों सॉफ्ट हिंदुत्व के रास्ते पर चल रही है कमलनाथ सरकार

मध्यप्रदेश की कमलनाथ गवर्नमेंट इन दिनों सॉफ्ट हिंदुत्व के रास्ते पर चल रही है. पुजारियों के मानदेय में बढ़ोतरी  कुंभ में यात्रियों को भेजने के निर्णय के बाद अब सूबे की कांग्रेस पार्टी गवर्नमेंट गौ मर्डर के मामले को लेकर चर्चा में है. दरअसल, खड़वा जिले में तीन आरोपियों के विरूद्ध गोहत्या के मामले में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून की कार्रवाई की गई है. यह पहली बार है जब किसी कांग्रेस पार्टी शासित राज्य में ऐसी कार्रवाई की गई है.

चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी ने गौशाला के निर्माण की बात कही थी. गवर्नमेंट बनते ही कमलनाथ ने इसकी कवायद भी प्रारम्भ कर दी. पिछले दिनों हुई कैबिनेट मीटिंग में चार महीने में एक हजार गौशालाओं के निर्माण पर निर्णय हुआ था. सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रीय सुरक्षा कानून इसलिए लगाया गया है क्योंकि तीनों आरोपियों में एक आदमी पहले भी यह क्राइम कर चुका है. शुक्रवार को पुलिस को मोघट थाने के खरखाली गांव में गौ मर्डर की जानकारी मिली थी जिसके बाद खरखाली गांव के रहने वाले दो आरोपी राजू उर्फ नदीम  शकील को अरैस्टकिया गया था. तीसरा आरोपी आजम सोमवार को पकड़ में आया था.

पुलिस ऑफिसर ने मंगलवार को बताया कि नदीम पहले भी गौ मर्डर के मामले में शामिल रह चुका है. तीनों के विरूद्ध गोवध अधिनियम की धारा 4,6  9 के भीतर मामला दर्ज किया गया है. पुलिस अधीक्षक  जिलाधिकारी की सिफारिश पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) की धाराएं भी लगाईं गई है. इसके भीतर आरोपी को लगभग एक वर्ष तक हिरासत में रखा जा सकता है.

गौवध के मामले में पिछली बार रासुका बीजेपी के गवर्नमेंट में 2016 में लगाई गई थी, जब बीजेपी के राज्य अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष अनवर मेव समेत नौ लोग ऐसे कृत्य में शामिल थे. अनवर मेव को बीजेपी से निलंबित कर दिया गया था.

पिछले महीने यूपी के बुलंदशहर में तीन लोगों के विरूद्ध गौ मर्डर के मामले मे रासुका लगाई गई थी. गौ मर्डर के बाद भड़की हिंसा में एक पुलिस ऑफिसर की मौत हो गई थी.

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