Sultanpur News: सूक्ष्म शिक्षण अनेक शिक्षण कौशलों का योग है- डॉ कल्पना सिंह

राणा प्रताप पी जी कॉलेज के बी एड विभाग द्वारा बी एड प्रथम वर्ष के सत्रीय कार्य एवं सूक्ष्म शिक्षण समापन पर एक समारोह आयोजित किया गया

स्टार एक्सप्रेस/संवाददाता

सुल्तानपुर । राणा प्रताप पी जी कॉलेज के बी एड विभाग द्वारा बी एड प्रथम वर्ष के सत्रीय कार्य एवं सूक्ष्म शिक्षण समापन पर एक समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्र गौरव राणा प्रताप एवं ज्ञान की देवी सरस्वती मां के चित्रों पर प्रबंधक सुरेंद्रनाथ सिंह, प्राचार्य प्रोफेसर डी के त्रिपाठी, विभागाध्यक्ष डॉ भारती सिंह ,डॉ कल्पना सिंह, मैडम शांतिलता कुमारी, डॉ सीमा सिंह ,डॉ संतोष अंश द्वारा माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन से हुआ। वैशाली सिंह एवं प्रतिमा यादव ने संयुक्त रूप से सरस्वती वंदना प्रस्तुत की, तत्पश्चात अंजली गुप्ता द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया।

विभागाध्यक्ष डॉ भारती सिंह ने सूक्ष्म शिक्षण की आवश्यकता एवं उद्देश्य से परिचित कराते हुए कहा कि सूक्ष्म शिक्षण एक ऐसी तकनीक है, जिसका उद्देश्य शिक्षक उम्मीदवारों को वास्तविक कक्षा व्यवस्था के लिए तैयार करना है। इस तकनीक की मदद से, शिक्षक उम्मीदवार प्रत्येक शिक्षण कौशल को छोटे भागों में तोड़कर और भीड़-भाड़ वाली कक्षाओं के अराजक वातावरण का सामना किए बिना, सीखने का प्रयास करता है। प्राचार्य प्रोफेसर डी के त्रिपाठी ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि सूक्ष्म शिक्षण शिक्षकों में आत्मविश्वास बनाये रखता हैं। इसमें अधिक नियन्त्रण और नियंत्रित शिक्षण अभ्यास शामिल है। सूक्ष्म शिक्षण से प्रभावी शिक्षण अभ्यास तथा प्रभावी शिक्षक तैयार किये जाते हैं।

डॉ कल्पना सिंह ने कहा कि सूक्ष्म शिक्षण चक्र शिक्षण अनेक कौशलों का योग है और एक साथ छात्राध्यापकों में अनेक कौशलों को उत्पन्न करना एक जटिल कार्य है। सूक्ष्म शिक्षण की सहायता से मनोवैज्ञानिक शिक्षण सूत्रों का अनुकरण करते हुए एक-एक करके वांछित कौशलों को अधिकाधिक रूप से भावी अध्यापकों में विकसित किया जाता है। सीमा सिंह ने कहा कि यह कक्षा का समय, कक्षा का अनुशासन, कक्षा का आकार जैसी भावी समस्याओं कम करता हैं।

डॉ संतोष अंश ने कहा कि सूक्ष्म शिक्षण विधि बीसवीं सदी की देन है यह व्यवहारिक अभ्यास की नवीन विधि है इस प्रविधि का उपयोग शिक्षक में शिक्षण कौशल को विकसित करने के लिए किया जाता है इसका प्रयोग कक्षा शिक्षण की जटिलताओं को दूर करने के लिए किया जाता है अतः इस तरह सूक्ष्म शिक्षण, शिक्षकों को प्रशिक्षण देने में शिक्षण अभ्यास की एक नवीन विधि है जिसके माध्यम से छात्र शिक्षकों को शिक्षण अभ्यास के लिए एक ऐसी प्रविधि प्रस्तुत की जाती है जो कक्षा की सामान्य जटिलताओं को कम करती है सूक्ष्म शिक्षण, शिक्षक प्रशिक्षण की एक प्रयोगशालीय एवं वैश्लेषिक विधि है जिसके माध्यम से छात्राध्यापकों में शिक्षण कोशल विकसित किए जाते हैं।

इस अवसर पर सलोनी गुप्ता, संदीप सिंह, कोमल, एलिना,सतेंद्र शुक्ल, ख़ुशनुमा, चाँदनी , अंजली मिश्रा, ने सूक्ष्म शिक्षण पर अनुभव प्रस्तुत किये। साक्षी सिंह ,वैशाली सिंह, शिवानी ,प्रज्ञा ने नृत्य प्रस्तुत किया। चांदनी ,वैशाली जायसवाल ने गीत प्रस्तुत किया। डॉ संतोष अंश ने सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। मंच का संचालन सलोनी गुप्ता और विवेक मिश्रा ने सफलता से किया।

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