शहबाज सरकार, इमरान खान के खिलाफ निकाली भड़ास, जानिये पूरी डिटेल

 इमरान खान की रिहाई के बाद से पाकिस्तान में शहबाज सरकार और सुप्रीम कोर्ट के बीच अघोषित जंग छिड़ गई है

स्टार एक्सप्रेस/संवाददाता

इस्लामाबाद :  इमरान खान की रिहाई के बाद से पाकिस्तान में शहबाज सरकार और सुप्रीम कोर्ट के बीच अघोषित जंग छिड़ गई है। सरकार खुलकर सुप्रीम कोर्ट की आलोचना कर रही है। पाकिस्तान में सुप्रीम कोर्ट के बाद इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने भी शुक्रवार को इमरान खान को बड़ी राहत दे दी। कोर्ट ने कहा कि 17 मई तक इमरान खान को अरेस्‍ट नहीं किया जाए।

कोर्ट से जमानत मिलने के 8 घंटे बाद रात को इमरान लाहौर स्थित अपने घर के लिए रवाना हुए। शनिवार तड़के वह अपने घर पहुंचे। इमरान खान के स्वागत के लिए भारी संख्या में उनके समर्थक और पीटीआई कार्यकर्ता जमान पार्क में इकट्ठा हुए। माना जा रहा है कि इमरान लाहौर में शक्ति प्रदर्शन कर सकते हैं।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मंगलवार को इस्लामाबाद हाई कोर्ट परिसर से हुई इमरान की गिरफ्तारी ‘अवैध’ थी और उन्हें तत्काल रिहा किया जाए। पाकिस्‍तान के गृहमंत्री राना सनाउल्‍ला ने कहा है कि इमरान खान को सरकार छोड़ेगी नहीं। फिलहाल इमरान खान लाहौर स्थित अपने घर पहुंच चुके हैं और उनके समर्थकों में जश्न का माहौल है।

पाकिस्तानी सेना चल रही चाल

शहबाज सरकार और सुप्रीम कोर्ट में विवाद के बीच पाकिस्तानी सेना अपनी चाल चलना शुरू कर दी है। पाकिस्तानी सेना ने ऐसा प्लान बनाया है, जिससे इमरान खान का राजनीति में फिर से सक्रिय होना मुश्किल हो सकता है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की इमरान के पक्ष में फैसले से सेना भी परेशान है। आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर ने सरकार को हिदायत दी है कि इमरान खान को किसी भी हालात में बाहर नहीं निकलने देना है। ऐसे में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस्लामाबाद आईजी और पंजाब सूबे के आईजीपी को किसी दूसरे मामले में इमरान खान को गिरफ्तार करने का आदेश दिया है।

इमरान खान के खिलाफ केस दर्ज

पाकिस्तान में इमरान खान को कानूनी पचड़ों में फंसाए रखने के लिए अगल-अलग मामलों में केस दर्ज किए हैं। इसका सीधा उद्देश्य इमरान खान को चैन से बैठने नहीं देना है। ऐसे में एक राज्य की कोर्ट से राहत मिलने के बाद दूसरी राज्य के केसों में इमरान खान को उलझाने की प्लानिंग की जा रही है। आज भी इमरान खान को इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने 17 मई तक गिरफ्तारी से राहत दी है, लेकिन पंजाब पुलिस दूसरे मामलों में उन्हें गिरफ्तार करने के लिए तैयार है। पुलिस का दावा है कि इस्लामाबाद हाईकोर्ट का फैसला पंजाब में नहीं लागू किया जा सकता है।

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