मंडी लोकसभा चुनाव: दिनेश भाटी ने बढ़ाई कंगना की मुश्किलें 

स्टार एक्सप्रेस संवाददाता 

नई दिल्ली. हिमाचल प्रदेश की चार संसदीय सीटों में से एक मंडी लोकसभा सीट पर कई मायनों में अहम है। बीजेपी ने जहां मंडी से बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रानौत को मैदान में उतारा है, वहीं कांग्रेस की तरफ से हिमाचल प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह चुनाव मैदान में हैं।

अब मंडी लोकसभा सीट पर दिनेश कुमार भाटी ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। इससे लड़ाई बहुत ही दिलचस्प हो गई है।

 

जानिए कौन हैं दिनेश कुमार भाटी

दिनेश कुमार भाटी हिमांचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता हैं जिनकी लोगों के बीच काफी लोकप्रियता है। वह बीजेपी में बतौर संगठन मंत्री के रूप में काम कर चुके हैं। मूलतः जैसलमेर के रहने वाले भाटी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस ) के पूर्व प्रचारक हैं।

उनके निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन दाखिल किए जाने के बाद यह माना जा रहा है कि इससे मंडी से बीजेपी प्रत्याशी कंगना रानौत की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

 

क्या है मंडी लोकसभा सीट का ट्रैक रिकॉर्ड

क्षेत्रफल की दृष्टि से, मंडी हिमाचल का सबसे बड़ा निर्वाचन क्षेत्र है, जिसमें लाहौल और स्पीति के अलावा मंडी, कुल्लू और चंबा जिले शामिल हैं। छोटा काशी के नाम से मशहूर मंडी को पहले मांडव्य नगर के नाम से जाना जाता था। करीब 10 लाख आबादी वाला यह जिला व्यापार और वाणिज्य के सबसे व्यस्त केंद्रों में से एक है।

वैसे तो मंडी लोकसभा सीट कांग्रेस का गढ़ रही है। इस सीट पर आजादी के बाद से 2014 तक हुए 15 चुनावों में से 10 बार कांग्रेस प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है। लेकिन 2019 लोकसभा चुनाव में इस सीट से बीजेपी के रामस्वरूप शर्मा ने जीत हासिल की। उन्हें 647,189 वोट मिले थे।

जबकि कांग्रेस के आश्रय शर्मा 2,41,730 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे और सीपीआई (एम) के दिलीप सिंह कायथ 14,838 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे।

2014 का लोकसभा चुनाव का जनादेश 

लोकसभा चुनाव 2014 में बीजेपी के रामस्वरूप शर्मा ने कांग्रेस की लगातार दो बार से सांसद रहीं कांग्रेस की प्रतिभा सिंह को 39 हजार वोटों से मात दी थी। रामस्वरूप शर्मा को 3.62 लाख और प्रतिभा सिंह को 3.22 लाख वोट मिले थे।

तीसरे नंबर पर सीपीआई(एम) के कुशल भारद्वाज थे। उन्हें करीब 14 हजार वोट मिले थे। इससे पहले 2013 का उपचुनाव प्रतिभा सिंह ने करीब 1.36 वोटों से जीता था।

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