किसानों को मुआवजा देने के लिए सरकार को अब किस प्रमाण का इंतजार है- अखिलेश यादव
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने किसानों को भारी बारिश से हुए नुकसान का मुआवजा तुरंत देने की मांग की है।
स्टार एक्सप्रेस
डेस्क. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने यूपी के कई हिस्सों में पिछले चार दिन से हो रही भारी बारिश के चलते किसानों को हुए नुकसान की तुरंत भरपाई की मांग की है। अखिलेश ने एक ट्वीट के जरिए यह मांग उठाते हुए कहा कि किसानों को मुआवजा देने के लिए सरकार को अब किस प्रमाण का इंतजार है जबकि भारी बारिश के चलते खुद सीएम का प्रोग्राम रद्द हो गया। दो दिन पहले बारिश के चलते सीएम का मथुरा का कार्यक्रम रद्द करना पड़ा था।
अपने ट्वीट में अखिलेश यादव ने लिखा- ‘उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश से या कुछ हिस्सों में सूखा पड़ने से जो भारी नुक़सान किसानों को हुआ है, उसके लिए सरकार तुरंत मुआवज़ा घोषित करे।
उप्र के कई हिस्सों में भारी बारिश से या कुछ हिस्सों में सूखा पड़ने से जो भारी नुक़सान किसानों को हुआ है, उसके लिए सरकार तुरंत मुआवज़ा घोषित करे। जब मुख्यमंत्री जी का अपना ही कार्यक्रम भारी वर्षा की वजह से रद्द हो गया तो उन्हें राहत देने के लिए और किस प्रमाण की प्रतीक्षा है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 24, 2022
विधानसभा में एक विधायक मोबाइल गेम खेलते दूसरे पान मसाला खाते दिखे, सपा ने वीडियो ट्वीट कर बीजेपी पर साधा निशाना जब मुख्यमंत्री जी का अपना ही कार्यक्रम भारी वर्षा की वजह से रद्द हो गया तो उन्हें राहत देने के लिए और किस प्रमाण की प्रतीक्षा है।’ इस बार की बारिश में सबसे अधिक नुकसान धान को ही बताया जा रहा है। खेतों में भरा पानी देखकर किसान के आंसू निकल रहे हैं।
16 जिलों में 25 मिमी से अधिक बारिश
उत्तर प्रदेश के 16 जिलों में 22 सितम्बर से 23 सितम्बर के बीच 24 घंटे में 25 मिमी से अधिक बारिश का रिकॉर्ड दर्ज किया गया है। प्रदेश के 46 जिलों में पीएसी की 17 कंपनियों की 44 टीमों को भी तैनात किया गया है। मालूम हो कि वर्तमान में प्रदेश के 44 जिलों में कुल 67 टीमें बचाव कार्य के लिए पहले से तैनात की जा चुकी हैं। बारिश से मध्य और पश्चिम यूपी, बुंदेलखंड में तबाही मची हुई है। प्रदेश के कई हिस्सों में खेत जलमग्न हो गए हैं। इसकी वजह से फसलों को खासा नुकसान हुआ है। नदियां-नहरें जलमग्न हैं। किसानों ने सबसे ज्यादा नुकसान धान की फसल को बताया है।