राहुल गांधी चार साल पुराने ‘मोदी सरनेम’ मामले में दोषी करार, आइये जाने पूरा मामला
सूरत कोर्ट ने सुनाया फैसला, चार साल पुराने इस मामले में गुरुवार को राहुल को दोषी ठहराया
स्टार एक्सप्रेस /संवाददाता
सूरत /गुजरात : सूरत की एक अदालत ने ‘मोदी उपनाम’ संबंधी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में दर्ज किए गए एक आपराधिक मानहानि मामले में बृहस्पतिवार को फैसला सुनाते हुए उन्हें दोषी करार दिया है।
राहुल गांधी के खिलाफ यह मामला उनकी उस टिप्पणी को लेकर दर्ज किया गया है, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था, ‘क्यों सभी चोरों का समान उपनाम मोदी ही होता है राहुल गांधी ने कर्नाटक के कोलार में 13 अप्रैल 2019 को चुनावी रैली में कहा था कि नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी का सरनेम कॉमन क्यों है? सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है? राहुल के इस बयान को लेकर बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस दर्ज कराया था
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के इस बयान को लेकर दर्ज मानहानि के मामले में उन्हें दोषी करार दिया गया है। गुजरात की सूरत सेशन कोर्ट ने ये फैसला सुनाया। राहुल ने 2019 में कर्नाटक में एक रैली में ये बयान दिया था। राहुल के इस बयान को पूरे मोदी समाज का अपमान बताते हुए बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया था।
क्या है पूरा मामला?
राहुल गांधी ने कर्नाटक के कोलार में 13 अप्रैल 2019 को चुनावी रैली में कहा था कि नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी का सरनेम कॉमन क्यों है? सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है? राहुल के इस बयान को लेकर बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस दर्ज कराया था।
अपनी शिकायत में बीजेपी विधायक ने आरोप लगाया था कि राहुल ने 2019 में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पूरे मोदी समुदाय को कथित रूप से यह कहकर बदनाम किया कि सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है? पूर्णेश भूपेंद्र पटेल सरकार के पहले कार्यकाल में मंत्री थे। वे दिसंबर में सूरत से फिर विधायक चुने गए हैं।
कोर्ट कि सुनवाई के दौरान क्या हुआ?
राहुल इस मामले में पिछले बार 2021 में सूरत की कोर्ट में पेश हुए थे। उन्होंने अपना बयान भी दर्ज कराया था। राहुल गांधी के वकील किरीट पनवाला के मुताबिक मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एचएच वर्मा की कोर्ट ने पिछले सप्ताह दोनों पक्षों की अंतिम दलीलें सुनने के बाद फैसला सुनाने के लिए 23 मार्च की तारीख तय की थी।
पिछली सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता बीजेपी विधायक के वकील ने कोर्ट में बताया था कि गांधी के कोलार भाषण वाली सीडी और पेन ड्राइव से साबित होता है कि कांग्रेस सांसद ने वास्तव में मोदी सरनेम परटिप्पणी की थी, और उनके बयानों ने समुदाय को बदनाम किया
वहीं, राहुल गांधी के वकील ने कहा था कि यह पूरी कार्यवाही ही त्रुटिपूर्ण है, क्योंकि सीआरपीसी (दंड प्रक्रिया संहिता) की धारा 202 के तहत निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया था। इतना ही नहीं उन्होंने कहा था कि इस मामले में शिकायतकर्ता पीएम नरेंद्र मोदी को होना चाहिए था, न कि विधायक पूर्णेश .मोदी को, क्योंकि गांधी के भाषण में मुख्य लक्ष्य पीएम मोदी थे।
कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं- कांग्रेस
कोर्ट के फैसले के पहले गुजरात में कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष दोशी ने कहा था, राहुल कोर्ट में मौजूद रहेंगे, उन्होंने साफ कर दिया है कि कोर्ट जो भी फैसला दे, हम उसका सम्मान करेंगे। हम अपने नेता का स्वागत करेंगे और अपना समर्थन देंगे।
इस तरह के मामलों से कांग्रेस को डराया नहीं जा सकता।सूरत कोर्ट ने सुनाया फैसला, चार साल पुराने इस मामले में गुरुवार को राहुल को दोषी ठहराया। कार्यवाही के दौरान राहुल गांधी कोर्ट में मौजूद रहे। इस दौरान गुजरात कांग्रेस के तमाम बड़े नेता उनके साथ मौजूद रहे। राहुल आज ही दिल्ली से सूरत पहुंचे थे।
गुजरात की पहली यात्रा
राहुल गांधी दिसंबर में हुए गुजरात विधानसभा चुनाव में राज्य में प्रचार करने पहुंचे थे। इसके बाद से यह उनकी पहली यात्रा है। कांग्रेस ने गुजरात में 182 में से 17 सीटें जीती हैं। 1960 के बाद से यह कांग्रेस का सबसे बुरा प्रदर्शन है।