पीएम मोदी ने लॉन्च किया देश का पहला इंटरनेशनल गोल्ड एक्सचेंज

बुलियन का मतलब है उच्च शुद्धता का फिजिकल गोल्ड और सिल्वर, जिसे बार, सिल्लियों या सिक्कों के रूप में रखा जाता है। इसे अक्सर केंद्रीय बैंकों द्वारा स्वर्ण भंडार के रूप में रखा जाता है।

स्टार एक्सप्रेस

डेस्क. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को भारत के पहले अंतरराष्ट्रीय बुलियन एक्सचेंज को लॉन्च कर दिया हैं। पीएम ने गांधीनगर के पास इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (गिफ्ट सिटी) में इस एक्सचेंज को लॉन्च किया है। यह एक्सचेंज फिजिकल गोल्ड और सिल्वर की बिक्री करेगा। इसको शंघाई गोल्ड एक्सचेंज और बोरसा इस्तांबुल की तर्ज पर स्थापित करने का लक्ष्य है, ताकि भारत को बुलियन फ्लो के लिए एक प्रमुख क्षेत्रीय केंद्र बनाया जा सके। यह एक्सचेंज एक साल की देरी, कई ट्रायल और ड्राई रन के बाद लॉन्च किया हुआ है। आइए जानते हैं कि आखिर यह बुलियान एक्सचेंज क्या है।

क्या होता है बुलियन?

बुलियन का मतलब है उच्च शुद्धता का फिजिकल गोल्ड और सिल्वर, जिसे बार, सिल्लियों या सिक्कों के रूप में रखा जाता है। बुलियन को कभी-कभी लीगल टेंडर माना जा सकता है। इसे अक्सर केंद्रीय बैंकों द्वारा स्वर्ण भंडार के रूप में रखा जाता है या संस्थागत निवेशकों द्वारा रखा जाता है।

क्या है बुलियन एक्सचेंज का उद्देश्य

साल 1990 के दशक में नोमिनेटेड बैंकों और एजेंसियों के माध्यम से सोने के आयात का उदारीकरण हुआ था। उसके बाद पहली बार भारत में योग्य ज्वैलर्स को आईआईबीएक्स (IIBX) के माध्यम से सीधे सोना आयात की अनुमति दी गई है। इसलिए यह एक्सचेंज अपने आप में काफी महत्वपूर्ण है। इसके लिए ज्वैलर्स को एक मौजूदा ट्रेडिंग मेंबर का ट्रेडिंग पार्टनर या क्लाइंट होना जरूरी है। बता दें कि एक्सचेंज ने भौतिक सोने और चांदी के भंडारण के लिए आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित किया है।

डॉलर में भी हो सकेगी ट्रेडिंग

आईआईबीएक्स के सीईओ और एमडी अशोक गौतम ने इस महीने की शुरुआत में टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया था, “इसे स्थापित करने के पीछे विचार यह है कि एक एक्सचेंज पर कमोडिटीज की ट्रेडिंग को सक्षम बनाया जाए। चूंकि यह एक अंतरराष्ट्रीय एक्सचेंज है, इसलिए ट्रेडिंग अमेरिकी डॉलर में भी हो सकती है। हम खुद को एशिया के सबसे बड़े ट्रेडिंग हब के रूप में देखेंगे। IIBX पर कॉम्पिटिटिव प्राइसिंग के कारण इंटरनेशनल प्लेयर्स हमारी सेवाओं का उपयोग करके खुश होंगे। इसके अलावा, इसके एक मुक्त व्यापार क्षेत्र होने के कारण कोई शुल्क नहीं देना होगा।”

अब तक कैसे होता था काम

वर्तमान में, भारत में सोने का आयात एक कंसाइनमेंट मॉडल पर विभिन्न शहरों में नामित बैंकों और आरबीआई द्वारा अनुमोदित एजेंसियों द्वारा किया जाता है। इसके बाद ट्रेडर्स/ज्वैलर्स को आपूर्ति की जाती है। बैंकों और अन्य एजेंसियों को हैंडलिंग, भंडारण आदि के लिए सोने के निर्यातक से शुल्क मिलता है। घरेलू खरीदारों के साथ लेनदेन करते समय सोने में प्रीमियम भी जोड़ा जाता है। खरीदार इस शुल्क को वैल्यू चेन में तब तक ट्रांसफर करता है, जब तक कि वह अंतिम ग्राहक तक नहीं पहुंच जाता है। आईआईबीएक्स के आज चालू होने के साथ योग्य घरेलू खरीदार गिफ्ट सिटी की एक शाखा के माध्यम से एक अंतरराष्ट्रीय आपूर्तिकर्ता से बार और सिक्के खरीद सकते हैं, जो उनके साथ आईआईबीएक्स का सदस्य होगा।

क्या होगा फायदा?

आईआईबीएक्स की ग्रोथ केवल गिफ्ट सिटी तक ही सीमित नहीं होगी, बल्कि यह देशभर के सभी ज्वैलरी मैन्युफैक्चरिंग हब्स तक होगी। योग्य ज्वैलर्स को आईआईबीएक्स के जरिए सोना आयात करने की अनुमति होगी। आईआईबीएक्स मेंबर के क्लाइंट ज्वैलर्स को यह सुविधा होगी। एक्सचेंज पर ज्वैलर्स उपलब्ध स्टॉक देख सकते हैं और ऑर्डर भेज सकते हैं। इससे ज्वैलर्स का इन्वेंट्री मैनेजमेंट काफी आसान हो जाएगा। इससे कीमत और ऑर्डर सिक्वेंसिंग में काफी अधिक पारदर्शिता आएगी।

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