लिवर को बनाना हो तंदुरूस्त तो ये टेस्ट जरूर कराए और इन बातों का रखें ध्यान

19 अप्रैल को दुनियाभर में वर्ल्ड लिवर डे मनाया जाता है। इस मौके पर जानते हैं लिवर की सेहत को बनाए रखने के लिए आखिर कौन से टेस्ट हैं जरूरी। 30 से अधिक उम्र के लोग ध्यान रखें ये बातें।

स्टार एक्सप्रेस

डेस्क. बीते कुछ दशकों में हर उम्र के लोगों में लिवर से जुड़ी समस्याएं बढ़ रही हैं। एल्कोहल के बढ़ते चलन के अलावा, खानपान से भी जुड़ी कई बातें हैं, जो लिवर को नुकसान पहुंचा रही हैं। 19 अप्रैल को दुनियाभर में वर्ल्ड लिवर डे मनाया जाता है। इस मौके पर जानते हैं लिवर की सेहत को बनाए रखने के लिए आखिर कौन से टेस्ट हैं जरूरी।

लिवर फंक्शन टेस्ट (एलएफटी)-

फैटी लिवर के मरीजों के लिए यह एक अहम प्रारम्भिक जांच है। इस खून की जांच में लिवर में प्रोटीन और अन्य एंजाइम्स के स्तर की जानकारी मिलती है।

पेट का अल्ट्रासाउंड-

फैटी लिवर की स्थिति का पता चलता है।

फाइब्रोस्कैन-

यह आमतौर पर फैटी लिवर की एडवांस स्टेज 3 और 4 में लिवर की क्षति को जानने के लिए होने वाली जांच है।

इंडोस्कोपी-

फैटी लिवर किस स्टेज में है, इससे पता चलता है।

लिवर बॉयोप्सी-

कुछ मामलों इसे भी कराया जा सकता है।

30 साल से अधिक उम्र वाले ध्यान दें-

अस्वस्थ जीवनशैली के कारण युवा वर्ग में मेटाबॉलिक सिंड्रोम की समस्या बढ़ रही है। इसके तहत उच्च रक्तचाप, डायबिटीज, रक्त में कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड का स्तर बढ़ना और मोटापे की समस्या को शुमार किया जाता है। इससे फैटी लिवर की समस्या का खतरा बढ़ता है। बढ़ता तनाव भी लिवर पर बुरा असर डाल रहा है। कुछ बातों को ध्यान में रखना जरूरी है-

-नौकरी या काम के दबाव में नाश्ता न छोड़ें। नाश्ते में अंकुरित अनाज, मौसमी फल या फिर ड्राई फ्रूट्स में से कोई एक चीज अन्य खाद्य पदार्थों के साथ जरूर लें। खट्टे फल खाएं।

-फैटी फूड्स से परहेज करें। फैटी फूड्स में मौजूद अधिक कैलोरी मोटापा बढ़ाती है। तनावमुक्त रहें, इस कारण आपकी भूख-प्यास पर भी खराब असर पड़ता है। जरूरत हो तो मनोचिकित्सक से मिलें। योग व प्राणायाम करें।

-सोने और जागने का समय तय करें। 7 से 8 घंटे की नींद लें।

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