हृदय रोग के खतरे जानिये किससे कम हो सकते है

अधेड़ उम्र के लोगों के लिए चलना हृदय रोगों के खतरे को कम करना

स्टार एक्सप्रेस/संवाददाता

दिल्ली : हृदय रोगों का खतरा अधेड़ उम्र के लोगों के लिए चलना हृदय रोगों के खतरे को कम करता है। एक नए शोध में खुलासा हुआ है शोध में पता चला है कि अगर 60 की उम्र के बाद लोग रोजाना 6,000 से 9,000 कदम चलते हैं तो उनमें हृदय रोगों का खतरा 50 प्रतिशत कम हो जाता है।

अधिकतर भारतीयों के बीच आज भी रेगुलर एक्सरसाइज का चलन नहीं आ पाया है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, हर भारतीय व्यक्ति को प्रति सप्ताह कम से कम 150 मिनट का व्यायाम करना चाहिए।लेकिन भारत के 50 प्रतिशत भारतीय ऐसा नहीं कर पाते और इसी कारण उम्र बढ़ने के साथ-साथ उनमें हृदय रोग हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज आदि की समस्या देखने को मिलती है।

अमेरिका की मैसाचुसेट्स यूनिवर्सिटी में एक अध्ययन किया गया है जिसमें पता चला है कि 60 से अधिक उम्र के लोग अगर प्रतिदिन 6,000 से 9,000 कदम चलते हैं तो उनमें हृदय रोगों का खतरा 50 प्रतिशत कम हो जाता है।

    जानिये रिसर्च करने पर क्या मिला

शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में अमेरिका और 42 अन्य देशों के 20,000 से अधिक लोगों के डेटा का विश्लेषण किया है. इसमें पाया गया है कि 2,000 कदम चलने वाले  लोगों की तुलना में रोजाना 6,000 और 9,000 कदम चलने वालों में दिल के दौरे और स्ट्रोक सहित हृदय रोग का जोखिम 40 से 50 प्रतिशत कम था।

भारत में अधिकतर लोग नौकरी से रिटायर होने के बाद सांस्कृतिक और सामाजिक कारणों से शारीरिक गतिविधि से दूर होते चले जाते हैं। भारत में बहुत से लोग काम करने के दौरान चलते हैं। या अपने ऑफिस चलकर ही जाते हैं। लेकिन जब वो रिटायर होते हैं तो घर के किसी कोने में बैठे रहते हैं उन्हें किसी मनोरंजक काम में लगना चाहिए जिससे शारीरिक गतिविधि होती रहे। रिटायरमेंट के बाद अधिकतर भारतीय सामाजिक अलगाव का सामना करते हैं और उनके  जीवन में किसी तरह का उद्देश्य नहीं रह जाता जिससे उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में गिरावट आती है। इसलिए ऐसे लोगों को सक्रिय रखने का उपाय किया जाना चाहिए।

वक्त बदल रहा है लेकिन फिर भी अधिकांश भारतीय घरों में घर की जिम्मेदारी महिलाओं पर ही होती है जिस कारण महिलाओं को अपने सेहत के लिए बिल्कुल वक्त नहीं मिल पाता। लोगों के बीच ये गलत धारणा भी है कि महिलाओं को अलग से किसी तरह के एक्सरसाइज की जरूरत नहीं होती क्योंकि घर के काम करने के दौरान ही उनकी अच्छी खासी मेहनत हो जाती है। ये बात कुछ हद तक सही हो सकती है। लेकिन घरेलू काम में लगी महिलाओं को भी नियमित रूप से टहलना चाहिए जिससे उनका स्वास्थ्य बेहतर बना रहे। .

रोजाना इतने कदम चलने से कम होगा Heart Attack का खतरा

रोजाना 6,000 से 9,000 चलना युवाओं की तुलना में अधेड़ उम्र के लोगों के लिए ज्यादा फायदेमंद है। जिन लोगों में हृदय संबंध किसी तरह की शिकायत है उन्हें पहले अपने लिए टहलने का एक छोटा टारगेट सेट करना चाहिए और धीरे-धीरे अपने टहलने के समय को बढ़ाना चाहिए कि हम कितना चल रहे हैं। इसका हिसाब रखना फायदेमंद साबित हो सकता है। जिससे उनका हृदय मजबूत बने और बीमारी की समस्या जटिल न हो।

अधेड़ उम्र के लोगों को अधिक फायदा 

डॉ पालुच ने यह भी कहा कि अध्ययन में हमने पाया कि रोजाना 6,000 से 9,000 चलना युवाओं की तुलना में अधेड़ उम्र के लोगों के लिए ज्यादा फायदेमंद है।

वो कहते हैं, ‘हृदय संबंधी बीमारियां उम्र की बीमारी हैं। अक्सर ये तब तक नहीं होतीं जब तक हम वृद्धावस्था में नहीं होते। हृदय का काम करना बंद कर देना दिल का दौरा या स्ट्रोक के कम उम्र में होने की संभावना बेहद ही कम होती है। हमने ये भी देखा है कि जो युवा शारीरिक रूप से सक्रिय होते हैं, उनमें आगे चलकर हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा, टाइप 2 डाइबिटीज और हृदय संबंधी रोगों का खतरा कम होता है।

 

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