ये है बड़ी वजह बिकने वाली थी Bisleri टाटा से अटक गई डील!
स्टार एक्सप्रेस/संवाददाता
Bisleri : ये है बड़ी वजह बीते साल 2022 में रमेश चौहान के नेतृत्व वाली बिसलेरी को बेचने की कवायद शुरू हुई डील थी और साल के अंत में टाटा समूह के साथ डील पक्की हो गई थी डील दोनों ही पक्ष ट्रांजेक्शन स्ट्रक्चर को अंतिम रूप देने पर काम कर रहे थे लेकिन ये अटक गई है।
आज देश भर में भारत में बोतलबंद पानी के सबसे पॉपुलर ब्रांड बिसलेरी की टाटा ग्रुप के साथ डील अटक गई है ये सौदा करीब1अरब डॉलर में होने वाला था और इसे अंतिम रूप दिया जा रहा था. लेकिन अब खबर आई है कि कुछ कारणों की वजह से फिलहाल दोनों पक्षों में बातचीत रुकी हुई है टाटा ने बीते साल ही रमेश चौहान के नेतृत्व वाली पैकेज्ड वाटर कंपनी बिसलेरी इंटरनेशनल के साथ ये डील की थी।
वैल्यूएशन को लेकर Tata-Bisleri की बातचीत फाइनल नहीं हो पा रही है
टाटा समूह की बिसलेरीमें स्टेक हासिल करने के लिए चल रही बातचीत के बाद दोनों ही पक्ष ट्रांजेक्शन स्ट्रक्चर को अंतिम रूप देने पर काम कर रहे थे।सूत्रों के मुताबिक अब कंपनी की वैल्यूएशन को लेकर वैल्यूएशन को लेकर खटाई में डील अटक गई है। रिपोर्ट की मानें तो रमेश चौहान टाटा ग्रुप के साथ अपनी कंपनी बिसलेरी की डील से 1अरब डॉलर मिलने की उम्मीद कर रहे थे लेकिन वैल्यूएशन को लेकर Tata-Bisleri की बातचीत फाइनल नहीं हो पा रही है वैल्यूएशन को लेकर खटाई में डील
सौदे पर चर्चा फिर शुरू हो सकती है
रिपोर्ट में नाम न छापने की शर्त पर इस मामले से परिचित लोगों ने कहा है कि टाटा और बिसलेरी के बीच इस सौदे को लेकर चर्चा फिर से शुरू हो सकती है यही नहीं इस डील में अन्य संभावित दावेदारों के नाम भी सामने आ सकते हैं हालांकि फिलहाल इस मुद्दे को लेकर दोनों की कंपनियों की ओर से किसी तरह की टिप्पणी से साफ इनकार कर दिया गया है।
पैकेज्ड वाटर का मार्केट 20,000 करोड़ रुपये से अधिक का है।
Bisleri के इतिहास पर नजर डालें तो साल 1969 में चौहान बिजनेस फैमिली द्वारा महज 4 लाख रुपये में इसे एक इतालवी कंपनी से खरीदा गया था जबकि 2022 में टाटा ग्रुप के साथ इसका सौदा एक अरब डॉलर में होने का अनुमान जताया गया था कभी बिसलेरी का पानी कांच की बोतलों में बेचा जाता था और आज देश में पैकेज्ड वाटर मार्केट पर कब्जा इसमें से 60 फीसदी हिस्सा असंगठित है बिसलेरी की संगठित बाजार में हिस्सेदार करीब 32 फीसदी है।
देश भर में बिसलेरी के 122 से अधिक ऑपरेशनल प्लांट हैं
आज देश भर में 122 ऑपरेशनल प्लांट जबकि पूरे भारत में लगभग 5,000 ट्रकों के साथ 4,500 से अधिक इसका डिस्ट्रीब्यूटर नेटवर्क है बिसलेरी के अध्यक्ष रमेश चौहान ने नवंबर 2022 में एक इंटरव्यू के दौरान कंपनी को बेचने की बड़ी वजह का खुलासा किया था।
कंपनी को आगे बढ़ाने के लिए कोई उत्तराधिकारी नहीं है
रमेश चौहान ने कहा था कि खराब स्वास्थ्य के अलावा और भी कई ऐसे कई कारण हैं जिनकी वजह से बिसलेरी का सौदा (Bisleri Deal) करने की नौबत आई है रिपोर्ट की मानें तो उनके पास कंपनी को आगे बढ़ाने के लिए कोई रमेश चौहान के पास नहीं कोई उत्तराधिकारी उनकी बेटी और बिसलेरी की वाइस चेयरपर्सन जयंती (Jayanti) भी कारोबार के लिए बहुत उत्सुक नहीं है. जिसके चलते बिसलेरी को बेचने की तैयारी कर ली गई।