दूरसंचार मंत्रालय व यूनिक आईडेंटिफिकेश अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) ने राष्ट्र भर के 90 करोड़ मोबाइल धारकों को राहत देते हुए बोला है कि आधार के जरिए पहले जारी हुए सभी मोबाइल सिम पहले की तरह चलते रहेंगे.
संयुक्त तौर पर जारी किया बयान
संयुक्त बयान जारी करते हुए दूरसंचार मंत्रालय व यूआईडीएआई ने बोला है कि सर्वोच्च कोर्ट ने अपने आधार पर दिए गए निर्णय में कहीं यह नहीं बोला है कि ईकेवाईसी के जरिए पहले जारी हुए सिम गैरकानूनी हो गए हैं.
बल्कि अगर कोई आदमी पहले दिए गए आधार ईकेवाईसी को बदलवाना चाहता है तो उसके लिए वो स्वतंत्र है. इसके बदले उसें अपने किसी व पहचान लेटर को सत्यापित करने के लिए देना होगा. यह प्रमाण पैन कार्ड, वोटर आईडी, पासपोर्ट, बैंक पासबुक आदि के जरिए दिया जा सकता है.
कंपनियों ने सौंपी अपनी योजना
दूरसंचार कंपनियों ने यूआईडीएआई को इस विषय में अपनी योजना सौंप दी है. हम इस पर गौर कर रहे हैं कि क्या विकल्प बेहतर हो सकता है. पहले इस तरह की समाचार आई थी कि टेलीकॉम कंपनियों को ग्राहकों को दोबारा से सत्यापन कराना पड़ सकता है. ऐसे में दस्तावेज जमा करने के बाद ग्राहकों का सत्यापन होने में एक हफ्ते तक लग सकता है. अभी तक 90 करोड़ लोगों के मोबाइल कनेक्शन आधार से वेरीफाई हो चुके हैं.
हालांकि अभी गवर्नमेंट हर पहलू पर विचार कर रही है व टेलीकॉम कंपनियों ने आधार से सत्यापन बंद करने के लिए वक्त मांगा है.
केवाईसी के लिए ये दिए सुझाव
टेलीकॉम कंपनियों ने नए ई-केवाईसी(अपने ग्राहक को जाने) के लिए दिए प्रस्ताव में ऐप आधारित पंजीकरण करने की बात कही है. इसमें सिम विक्रेता ग्राहक की फोटो खिंचेगा वग्राहक द्वारा स्वत: प्रमाणित पहचान व निवास प्रमाण लेटर के साथ फॉर्म पर लगाएगा.
नयी प्रणाली के तहत उपभोक्ता का फॉर्म व सभी दस्तावेज स्कैन किए जाएंगे. इसके बाद फॉर्म पर रिटेलर का नाम, किस सर्किल में यह प्रक्रिया हुई, समय व टेलीकॉम कंपनी का वाटर मार्क लगा दिया जाएगा ताकि ग्राहक द्वारा दिए गए दस्तावेज व फोटो का दोबारा प्रयोग न हो.
इसके बाद विक्रेता एप के जरिए उपभोक्ता का फॉर्म टेलीकॉम ऑपरेटर के पास भेजेगा ताकि इनका सत्यापन हो सके. सत्यापन के बाद ग्राहक को दिया गया नंबर कॉल द्वारा सत्यापित होगा. इसके साथ ही उपभोक्ता द्वारा दिए गए दूसरे नंबर पर एक पांच अंकों का पिन भेजा जाएगा. उपभोक्ता द्वारा या तो पिन के माध्यम से या फिर कॉल के माध्यम से सत्यापन कराए जाने के बाद नंबर चालू हो जाएगा.
जिओ ने प्रारम्भ की थी आधार से सत्यापन की प्रक्रिया
जिओ के ग्राहकों को सिम ही आधार से सत्यापन के बाद मिल रही थी. इसी के बाद वर्ष 2017 में अन्य टेलीकॉम कंपनियों ने भी आधार से सत्यापन की प्रक्रिया प्रारम्भ की थी.