उत्तर प्रदेश एटीस (आतंकवाद विरोधी दल) ने एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है, जो ब्रह्मोस मिसाइल संबंधी तकनीक और अन्य खुफिया जानकारियां पाकिस्तान और अमेरिका को पहुंचाता था। कथित आरोपी महाराष्ट्र के नागपुर में ब्रह्मोस मिसाइल यूनिट में काम करता था। 2013 से 2016 क बीच भारत ने 46 पाकिस्तानी जासूसों को पकड़ा था।
हालांकि, भारत में जासूसी करने का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी जासूसी की कई घटनाएं सामने आई हैं। 2013-16 के बीच सबसे पहले पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के दफ्तर में जासूसी करने का मामला सामने आया था। जानते हैं देश में कब-कब घटी ऐसी घटनाएं…
राजीव गांधी के दफ्तर में जासूसी
1985 में भारतीय सियासत में सबसे पहला जासूसी का मामला प्रधानमंत्री राजीव गांधी के दफ्तर में सामने आया था। जानकारी होने के बाद इस मामले में बहुत हंगामा हुआ था। जासूसी के आरोप में 10 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, बाद में इस पर पर्दा डाल दिया गया।
इसरो वैज्ञानिक हुए थे गिरफ्तार, बाद में साबित हुए बेगुनाह
नवंबर, 1994 में पाकिस्तान को रॉकेट इंजन की खुफिया जानकारी देने के आरोप में इसरो वैज्ञानिक और क्रायोजनिक प्रोजेक्ट के निदेशक एस. नांबी नारायणन समेत दो वैज्ञानिकों डी. शशिकुमारन और के. चंद्रशेखर को गिरफ्तार किया गया था। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने इन वैज्ञानिकों की गिरफ्तारी को गलत करार दिया था। बेगुनाही का फैसला आने के दो दिन बाद ही के. चंद्रशेखर का निधन हो गया।
जासूसी के आरोप में गिरफ्तार हुई थीं पूर्व राजनयिक
अप्रैल, 2010 में भारतीय उच्चायुक्त माधुरी को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को गोपनीय सूचनाएं देने के जुर्म में गिरफ्तार किया गया था। वह 2007 से इस्लामाबाद स्थित भारतीय दूतावास में तैनात थीं। 2008 से वह भारतीय खुफिया एजेंसियों के शक के दायरे में थीं।
वित्त मंत्रालय में जासूसी का मामला
जून, 2011 में तत्कालीन वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी के कार्यालय में जासूसी का मामला सामने आया था। नॉर्थ ब्लॉक स्थित दफ्तर में कथित रूप से स्नूपिंग डिवाइसेज पाए गए थे। वित्त मंत्री के दफ्तर में कुल 16 जगह चिपकाने वाली चीजें मिली थीं।
रक्षा मंत्रालय में जासूसी
मार्च, 2012 को यूपीए-2 सरकार में रक्षा मंत्री एके एंटनी के कार्यालय में जासूसी का मामला सामने आया। सैन्य गुप्तचर शाखा का दल साउथ ब्लॉक में उनके कक्ष नंबर-104 में जासूसी उपकरण पकड़ने वाले उपकरण से कमरे की जांच कर रहा था। इस उपकरण के आवाज करने से रक्षा मंत्रालय में सनसनी फैल गई थी।
गडकरी के घर में जासूसी
जुलाई, 2014 में परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के दिल्ली स्थित आवास से जासूसी उपकरण सीक्रेट हाई पावर लिसनिंग डिवाइस मिलने की खबर आई थी। उनके आवास से जिस तरह के उपकरण मिले थे, वैसे उपकरणों का इस्तेमाल अमेरिकी खुफिया एजेंसियां करती हैं।