दफ्तर में कामकाज के दौरान गलत मुद्रा में लगातार चार-पांच घंटे तक बैठे रहने से कमर दर्द की शिकायत हो सकती है। बैठे रहना संभवत: नया धूम्रपान है व पीठ दर्द नवीनतम जीवनशैली का विकार है । बैठने की मुद्रा व शारीरिक गतिविधि पर पर्याप्त ध्यान देना आवश्यक है। हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया (एचसीएफआई) के अध्यक्ष डॉ। के।के। अग्रवाल का मानना है कि आज लगभग 20 फीसदी युवाओं को 16 से 34 वर्ष आयु वर्ग में ही पीठ व रीढ़ की हड्डी की समस्याएं हो रही हैं। डॉ। अग्रवाल ने यहां जारी एक बयान में बोला है, “एक ही स्थिति में लंबे समय तक बैठने से पीठ की मांसपेशियों व रीढ़ की हड्डी पर भारी दबाव पड़ सकता है।
इसके अलावा, टेढ़े होकर बैठने से रीढ़ की हड्डी के जोड़ बेकार हो सकते हैं व रीढ़ की हड्डी की डिस्क पीठ व गर्दन में दर्द का कारण बन सकती है। लंबे समय तक खड़े रहने से भी सेहत पर असर पड़ता है। ” उन्होंने कहा, “शरीर को सीधा रखने के लिए बहुत सारी मांसपेशियों की ताकत की जरूरत होती है।
डॉ। अग्रवाल ने बताया, “योग पुरानी पीठ दर्द के लिए एक सुरक्षित व प्रभावी तरीका है, क्योंकि यह कार्यात्मक विकलांगता को कम करता है । यह इस स्थिति के साथ गंभीर दर्द को कम करने में भी प्रभावी है। यदि आप प्रातः काल उठते हैं या कुछ घंटे के लिए अपनी डेस्क पर बैठे होने पर थकान या दर्द का अनुभव करते हैं, तो यह इशारा हो सकता है कि आपकी मुद्रा सही नहीं है। “