ऐसी महिलाएं जिनकी गर्भावस्था के आखिरी महीनों के दौरान दिन छोटे रहते हैं व उन्हें सूरज की रोशनी कम मिल पाती है, उन्हें प्रसव के बाद अवसाद पैदा होने का ज्यादा खतरा होता है। इंडियन मूल की एक वैज्ञानिक के नेतृत्व में किए गए अध्ययन में यह पाया गया है। यह अध्ययन ‘जर्नल ऑफ बिहेवियरल मेडिसिन’ में प्रकाशित हुआ है।
अध्ययन सूरज की रोशनी व अवसाद के बीच संबंधों के बारे में पहले से मौजूद जानकारी के अनुरूप है। अमेरिका स्थित सान जोस स्टेट यूनिवर्सिटी की दीपिका गोयल व उनके सहकर्मियों ने जो पता लगाया है, वह चिकित्सकों के लिए जोखिम वाली गर्भवती स्त्रियों को विटामिन डी की मात्रा बढ़ाने की सलाह देने में मददगार हो सकता है।अनुसंधानकर्ताओं ने अध्ययन में शामिल की गई 293 स्त्रियों से मिली सूचना का विश्लेषण किया। अमेरिका के कैलिफोर्निया से अध्ययन में शामिल की गई ये सभी महिलाएं पहली बार मां बनी थीं। उनकी गर्भावस्था के आखिरी तीन महीनों के आंकड़ों को शामिल किया गया। इसमें स्त्रियों की उम्र, उनकी सामाजिक आर्थिक स्थिति व वे कितने घंटे सोती हैं जैसे कारकों को शामिल किया गया। अध्ययन में शामिल स्त्रियों में अवसाद का 30 फीसदी जोखिम पाया गया।प्रेगनेंसी में लें विटामिन-डी, अन्यथा बच्चा हो जाएगा मोटापे का शिकार
कामकाज का बोझ ज्यादा होने के कारण अक्सर महिलाएं अपने सेहत का ध्यान नहीं रख पाती है। आम दिनों में खाने पीने पर ध्यान ना देना तो फिर भी चल जाता है लेकिन गर्भावस्था के दौरान अगर आहार पर ध्यान ना दिया जाए तो इसका नुकसान मां व होने वाले बच्चों पर भी पड़ता है। ऐसी महिलाएं, जो गर्भावस्था के दौरान विटामिन-डी की कमी से पीड़ित होती हैं, उनके बच्चों में जन्मजात व वयस्क होने पर फैट की चर्बी बढ़ने की अधिक आसार रहती है। एक शोध में यह पता चला है। ऐसी मां की कोख से जन्म लेने वाले बच्चे, जिनमें विटामिन-डी का स्तर बहुत कम है, उनकी कमर चौड़ी होने या छह साल की आयु में मोटा होने की आसार अधिक होती है।पर्याप्त विटामिन-डी लेने वाली स्त्रियों में होती है 2% अधिक वसा
इन बच्चों में शुरुआती दौर में पर्याप्त विटामिन-डी लेने वाली मां के बच्चों की तुलना में 2% अधिक वसा होती है। अमेरिका में दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर वइया लिदा चाटझी ने कहा, “ये बढ़ोतरी काफी नहीं दिखती, लेकिन हम वयस्कों के बारे में बात नहीं कर रहे, जिनके बॉडी में 30 फीसदी वसा होती है। “