केंद्रीय मंत्री व अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल ने कांग्रेस पार्टी नेता नवजोत सिंह सिद्धू पर तीखे हमले करते हुए दावा किया कि सिद्ध के ‘पाकिस्तान प्रेम’ को ने भी उन्हें जमकर फटकार लगाई है। हरसिमरत ने कहा, ‘जब वो लौटे तो उन्हें काले झंडे दिखाए गए, उनके वहां जाने व हमारे लोगों का कत्ल करने वाले इंसान को गले लगाने से सभी नाराज थे। माफी मांगने की स्थान उन्होंने लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया। उन्होंने बोला कि उन्होंने जनरल को इसलिए गले लगाया क्योंकि उन्होंने (जनरल) बोला था कि करतारपुर कॉरीडोर खोला जाएगा। ‘
हरसिमरत ने आगे कहा, ‘लेकिन सच्चाई ये है कि इस बारे में पाक गवर्नमेंट ने अभी तक कोई बात नहीं की है सभी भूल गए कि वो (सिद्धू) शत्रु राष्ट्र में गए थे। हफ्तों बीत गए, लेकिन कांग्रेस पार्टी के मंत्री एक दस्तावेज भी नहीं दे सके। ‘ उन्होंने कहा, ‘मैंने विदेश मंत्री को लिखा कि ऐसा बताया जा रहा है कि पाक गवर्नमेंट ने करतारपुर कॉरिडोर को हरी झंडी दे दी है वहमारी गवर्नमेंट इस बारे में कोई कदम नहीं उठा रही है। जब उनका लेटर मुझे मिला तो मैं दंग रह गई क्योंकि उन्होंने बताया कि ऐसा कुछ भी नहीं है। पाक गवर्नमेंट ने इस बारे में कभी कुछ नहीं कहा। ‘
इजाजत का गलत इस्तेमाल
उन्होंने बताया कि विदेश मंत्री ने इसके लिए सिद्धू को तगड़ी फटकार लगाई कि उन्होंने करतारपुर साहिब कॉरिडोर बातचीत को बिगाड़ दिया व पाक जाने के लिए उन्हें दी गई इजाजत का गलत प्रयोग किया। उन्होंने सिद्धू द्वारा पाकिस्तानी सेना प्रमुख को गले लगाने के लिए भी फटकार लगाई, जो हमारे सैनिकों की मर्डर का जिम्मेदार है।
कौर ने बोला कि अगर वो पाकिस्तानी पीएम के इतने ही अच्छे दोस्त हैं तो वो ही पाकिस्तान पीएम द्वारा भेजा गया लेटर दिखा दें। ‘वो जैसे ही लेटर दिखा देंगे, मैं 24 घंटे के अंदर अपनी गवर्नमेंट से कॉरिडोर चालू करवा दूंगी। ‘ उन्होंने सिद्धू पर आरोप लगाते हुए बोला कि वो पाक के नए एजेंट हैं व पाक उनका प्रयोग कठपुतली की तरह कर रहा है व सिद्धू उनकी धुन पर नाच रहे हैं।
सिद्धू ने क्या बोला था?
इससे पहले नवजोत सिंह सिद्धू करतारपुर कॉरिडोर के मामले में से मिले थे। इस मुलाकात के बाद सिद्धू ने कहा, ‘मैंने विदेश मंत्री को एक लेटर लिखा है कि वो विदेश मंत्रालय की तरफ से पाक गवर्नमेंट को एक औपचारिक लेटर भेजकर करतारपुर कॉरिडोर को जल्द खोलने के लिए अनुरोध करें। हमने विस्तार से बातें कीं व विदेश मंत्री को करतारपुर गलियारे को खोलने की आवश्यकता के बारे में समझाया। हिंदुस्तान की तरफ से एक औपचारिक अनुरोध भेजा जाएगा। विदेश मंत्री ने मुझसे बोला कि ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है व वो एक लेटरलिखेंगी। ‘