कांग्रेस पार्टी ने मंगलवार को को में फिर घेरा। कांग्रेस पार्टी नेता व पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी ने प्रेस कांफ्रेंस कर मोदी गवर्नमेंट पर राष्ट्र की सुरक्षा के साथ समझौता करने का आरोप लगाया। उन्होंने बोला कि कांग्रेस पार्टी मंगलवार शाम 4 बजे इस पर बड़ा खुलासा करेगी।
राफेल डील पर एके एंटनी ने भाजपा गवर्नमेंट पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने बोला कि मोदी गवर्नमेंट राफेल डील पर लगातार कहती आ रही है कि उसने राफेल सौदा कम दामों पर किया है। अगर यह बात सही है तो फिर उसने सिर्फ 36 राफेल विमान ही क्यों खरीदे। एंटनी ने आगे बोला कि वायुसेना ने साल 2000 में 126 विमानों की आवश्यकता बताई थी, अन्य राष्ट्रों की तरफ से खतरा अब व बढ़ गया है। मौजूदा स्थिति के अनुसार वायुसेना को जल्द से जल्द 126 से ज्यादा लड़ाकू विमानों की आवश्यकता है।
सुप्रीम न्यायालय 10 अक्टूबर को होगी सुनवाई
राफेल डील मामले को लेकर सुप्रीम न्यायालय में मंगलवार को सुनवाई टल गई है। जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच में याचिकाकर्ता ने बेकार स्वास्थ्यका हवाला देकर सुनवाई टालने की मांग की, जिसके बाद न्यायालय ने मामले की सुनवाई 10 अक्टूबर के लिए टाल दी।
दरअसल, सुप्रीम न्यायालय के एक एडवोकेट ने सुप्रीम न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर राफेल डील में करप्शन का आरोप लगाते हुए इसे रद्द करने की मांग की है।
कांग्रेस ने किया विरोध
आपकी जानकारी के लिए बताते चलें कि इससे पहले कांग्रेस पार्टी ने एक प्रेस नोट जारी कर बोला था कि पार्टी नहीं समझती है कि ये मसला उठाने के लिए सुप्रीम न्यायालय उचित फोरम है व पार्टी का न तो तहसीन पूनावाला से कोई संबंध व न ही उनकी याचिका से। कांग्रेस पार्टी ने बोला था कि मीडिया में ऐसी भ्रम की स्थिति रहती है कि तहसीन पूनावाला कांग्रेस पार्टी का प्रतिनिधित्व कर रही है ऐसे में हम यहां साफ करना चाहते हैं कि राफेल डील के विरूद्ध तहसीन पूनावाला की याचिका व उनसे पार्टी का कोई संबंध नहीं है।
सरकार पर लगाए थे आरोप
आपकी जानकारी के लिए बताते चलें कि फ्रांस से राफेल डील मामले में लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने सीधे पीएम पर गंभीर आरोप लगाए थे। डील की गोपनीयता संबंधी शर्त पर फ्रांस की पुष्टि के बाद खुद पीएम ने राहुल पर पलटवार किया। इसके बाद भाजपा के चार सांसदों ने राहुल के विरूद्ध इस मामले में सदन को भ्रमित करने का आरोप लगाते हुए विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया था।
वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी ने इस मामले में अपने रुख में नरमी नहीं लाने का इशारा देते हुए बोला है कि सौदे की गोपनीयता का इस सौदे के तहत खरीदे जाने वाले विमान की मूल्यको छिपाना शामिल नहीं था।