बाबा आशु गुरुदेव उर्फ आसिफ खान के खिलाफ पहले भी एक महिला ने जहर देने का मामला दर्ज कराया था। बड़े पुलिस अधिकारियों से सांठगाठ के चलते आशु की गिरफ्तारी नहीं हुई थी। हालांकि बताया जा रहा है कि एफएसएल रिपोर्ट से आरोप की पुष्टि नहीं हुई थी।

अतिरिक्त पुलिस आयुक्त राजीव रंजन ने बताया कि एक महिला ने बाबा आशु के खिलाफ वर्ष 2012 में मुखर्जी नगर थाने में मामला दर्ज कराया था। यह महिला भी बाबा के आश्रम में इलाज कराने जाती थी। महिला ने शिकायत में कहा था कि बाबा ने उसे जहर दिया है।
जहर आश्रम में खिलाया गया और घर जाकर महिला की तबीयत खराब हो गई थी। महिला ने मुखर्जी नगर थाने में आशु के खिलाफ आईपीसी की धारा 328 (जहरीली चीज खिलाने) की रिपोर्ट लिखाई थी। इस मामले में बाबा की गिरफ्तारी नहीं हुई थी। बताया जा रहा है कि अब रिटायर हो चुके और उस समय बड़े पदों पर आसीन रहे कुछ लोगों के चलते बाबा गिरफ्तारी से बच गया था।
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त ने बताया कि बाद में जो सीएफएसएल रिपोर्ट आई, वह महिला के आरोप की पुष्टि नहीं करती थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि जो चीज बाबा ने खिलाई थी, वह जहर या जहर जैसी नहीं थी। बाद में यह महिला बीमार रहने लग गई थी। दूसरी तरफ, बाबा आशु के बेटे समर और उसके दोस्त की जल्द ही गिरफ्तारी की जाएगी। समर से बृहस्पतिवार सुबह से ही पूछताछ चल रही है। बेटे के दोस्त को भी जल्द ही पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा।
पुलिस को बाबा आशु और उसके बेटे के खिलाफ काफी सबूत मिले हैं। ये सबूत हौजखास व रोहिणी में स्थित आश्रमों में दबिश देकर जुटाए गए हैं। गाजियाबाद की महिला ने बाबा आशु उर्फ आसिफ खान के खिलाफ दुष्कर्म, छेड़छाड़, जान से मारने की धमकी देने व पोक्सो का मामला दर्ज कराया था। पुलिस ने पूछताछ के बाद बृहस्पतिवार को बाबा आशु को गिरफ्तार कर लिया था।