उन्होंने कहा, ‘मोदी सरकार खुद के बुने झूठ के जाल में फंस गई है।’
पार्टी ने कहा कि 36 राफेल विमान खरीदने पर सार्वजनिक खजाने को 41,000 करोड़ रुपये का घाटा होगा, जो उसी विन्यास (कंफीगेरेशन) के साथ खरीदा गया है, जिसके बारे में करार संप्रग के कार्यकाल में हुआ था। उस समय विमान की कीमत 526 करोड़ प्रति विमान थी, जो अब मोदी सरकार के कार्यकाल में बढ़कर 1,670 करोड़ रुपये हो गई।
सुरजेवाला ने कहा, ‘मोदी, निर्मला और अरुण जेटली ने ‘सफेद झूठ’ बोला, जब उन्होंने मोदी सरकार के पाप को छुपाने के लिए कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में खरीदा जा रहा विमान भारत द्वारा विशिष्ट बदलाव के स्तर पर अलग है।’
उन्होंने कहा, ‘सार्वजनिक रूप से मौजूद सूचना बताते हैं कि भारतीय वायुसेना द्वारा मुहैया कराए गए एयर स्टाफ क्वालिटेटिव रिक्वायरमेंट (एएसक्यूआर) के अनुसार, संप्रग सरकार के कार्यकाल में 126 विमान एमएमआरसीए करार के दौरान भारत द्वारा 13 भारतीय विशिष्ट बदलाव की मांग की गई थी।’
उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में लड़ाकू विमान खरीद की निविदा में स्पष्ट रूप से ‘पूर्ण हथियार’ और ‘प्रौद्योगिकी के स्थानांतरण’ को लेकर स्पष्टता थी, जो भाजपा सरकार के करार में मौजूद नहीं है।’