
इससे निजी क्षेत्र के लोगों को बड़े पैमाने पर काम मिलेगा और देश में इंटरनेट सुविधा का विस्तार होगा। ट्राई ने एसटीडी-पीसीओ पर आधारित पीडीओ (सार्जविकडेटा कार्यालय) मॉडल अपनी सिफारिशों में पेश किया था। इसके जरिए डेटा कार्यालय हरगली, मोहल्ले में दिखाई देगा। याद रहे कि मोबाइल आने के बाद एसटीडी-पीसीओ व्यवस्था पूरी तरह से खत्म हो गया। लेकिन देशभर में 5 लाख सार्वजनिक वाई-फाई हॉट स्पॉट शुरू होने के बाद ऐसी ही व्यवस्था पीडीओ के रूप में आएगी।
दूरसंचार कंपनियों के बीच इंटरपोर्टेबिलिटी पर सहमति बनने से ग्राहक किसी भी कंपनी के वाई-फाई का इस्तेमाल कर सकेगा। ग्राहक वाई-फाई डेटा के कूपन ले सकेंगे। ग्राहक 5 रुपये से लेकर 50 रुपये तक का कूपन ले सकेंगे। इससे छोटे ऑपरेटर्स की इस बाजार में आसानी से प्रवेश मिलेगा। साथ ही जरुरत के मुताबिक छोटे इंटरनेट रिचार्ज का पैक मिल सकेगा। सरकार की योजना है कि देश में दिसंबर तक 5 लाख वाई-फाईहॉट स्पॉट शुरू हो जाएं। दूरसंचार कंपनियों के साथ इंटरनेट सेवा प्रदाता भी इसके लिए तैयार हैं। माना जा रहा है कि 7 सितंबर को होने वाली बैठक में कंपनियां योजना के तहत अपनी रूपरेखा पेश करेंगी।
मंत्रालय के मुताबिक दूरसंचार विभाग लाइसेंस की शर्तों में बदलाव करेगा और कंपनियों को ढांचागत व्यवस्था साझा करने की अनुमति दी जाएगी। उल्लेखनीय है कि इस मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय के दखल के बाद सहमति बनी है। पहले दूरसंचारकं पनियों ने इंटरपोर्टेबिलिटी पर आपत्ति जताई थी। उनकी ओर से सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए योजना को अव्यवहारिक करार दिया गया था। गौरतलब है कि ट्राई ने कहा था कि इससे पूरे देश में वाई-फाई को बढ़ावा मिलेगा। लोगों को बड़े पैमाने पर रोजगार भी मिलेगा। ट्राई ने इसका पायलट प्रोजेक्ट बंगलुरू में शुरु किया था जो सफल रहा था। इस योजना की शुरुआत के साथ तीन साल के अंदर हॉट स्पॉट की संख्या तीन गुनी यानी 15 लाख हो जाएगी।