पुणे पुलिस के हाथों गिरफ्तार माओवाद समर्थक कार्यकर्ताओं और उनकी संस्थाओं की जांच में एक नया खुलासा हुआ है। मामले की जांच कर रही खुफिया एजेंसियों को पता चला है कि इन लोगों की योजना देश के करीब 35 शिक्षक संस्थाओं और विश्वविद्यालयों से नए छात्र छात्राओं को माओवादी विचारधारा के लिए तैयार करना है।
साथ ही इनका मकसद विश्वविद्यालयों और संस्थानों में मजबूत हो रहे दक्षिणपंथी विचारधारा और उससे संबंधित राजनीतिक गतिविधियों की काट तैयार करना भी है। इसके लिए एससी-एसटी और अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र छात्रा खास निशाने पर हैं।
खुफिया एजेंसी के शीर्ष अधिकारी ने अमर उजाला को बताया कि गिरफ्तार कार्यकर्ताओं के कंप्यूटर से करीब 30 जीबी डाटा निकाला गया। इसकी जांच से पता चला है कि शिक्षण संस्थानों में वामपंथ और माओवाद विचारधारा को नए सिरे से फैलाने की व्यापक योजना है। इन जांच के कई अन्य खुलासे को पुणे पुलिस ने सार्वजनिक भी किया है।