दुनिया की मशहूर टेक कंपनी एपल और दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के बीच कई महीनों से गतिरोध चल रहा है. ट्राई चाहता है कि स्पैम कॉल को रिपोर्ट करने के लिए एपल डीएनडी ऐप इंस्टॉल करे लेकिन एपल ने अपने यूजर्स की गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए ऐसा करने से इंकार कर दिया था. हालांकि, एक नया आदेश एपल को यह ऐप इंस्टॉल करने के लिए मजबूर कर सकता है. ऐसा न करने पर उसे भारतीय बाजार को खोने का जोखिम उठाना पड़ सकता है.
दरअसल, गुरुवार 19 जुलाई को ट्राई ने एक नया नियम शुरू किया है. इस नियम के मुताबिक सभी मोबाइल फोन्स ऐसे ऐप के साथ आने चाहिए जिससे यूजर्स को अनचाहे स्पैम कॉल और मैसेजेस को रिपोर्ट करने की अनुमति मिल सके. ट्राई ने गंभीर चेतावनियों के साथ कंपनियों को इसका अनुपालन करने के लिए छह महीने दिए हैं.
ट्राई ने 2017 में एंड्रॉइड के लिए एक डीएनडी ऐप लॉन्च किया था जो इसके लिए काम करेगा. लेकिन एपल ने इसे अपने स्टोर पर जगह नहीं दी है. कंपनी ने कभी भी थर्ड पार्टी के ऐप्स को अपने यूजर्स के कॉल लॉग और मैसेजेस को पढ़ने की अनुमति नहीं दी है और उन्होंने भारत के लिए भी यही पॉलिसी अपनाने का फैसला किया है.