
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट कर बताया, ‘अपनी विस्तृत रणनीतिक साझेदारी को प्रगाढ़ बनाते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और वियतनाम के विदेश मंत्री पाम बिन मिन ने प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की। जहां व्यापार, निवेश, समुद्री सुरक्षा और रक्षा सहयोग पर चर्चा हुई।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट कर बताया, ‘अपनी विस्तृत रणनीतिक साझेदारी को प्रगाढ़ बनाते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और वियतनाम के विदेश मंत्री पाम बिन मिन ने प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की। जहां व्यापार, निवेश, समुद्री सुरक्षा और रक्षा सहयोग पर चर्चा हुई।
वियतनाम के विदेश मंत्री के साथ स्वराज ने संयुक्त आयोग की 16वीं बैठक की सह-अध्यक्षता भी की। स्वराज ने बताया कि हिंद महासागर में शांति और स्थिरता बनाए रखना भारतीय विदेशी नीति की प्राथमिकता है। हिंद महासागर के आर्थिक महत्व को रेखांकित करते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि ‘वर्चस्व की जगह आपसी सहयोग पर आधारित भारत की विदेश नीति के लिए क्षेत्र में शांति और स्थिरता प्राथमिकता है।
तीसरे हिंद महासागर सम्मेलन को संबोधित करते हुए स्वराज ने कहा कि ऐसे में जब वैश्विक अर्थव्यवस्था की धुरी धीरे-धीरे पूर्व की ओर खिसक रही है, हिंद महासागर उभरते हुए ‘एशियाई कालखंड’ के लिए केंद्र बन गया है। ऐसे में इस क्षेत्र में रहने वालों की पहली प्राथमिकता है कि वह शांति, स्थिरता और समृद्धि बनाए रखें।