भविष्य में एक नए तरह के युद्ध की ओर लोगों का ध्यान दिलाया है। बिपिन रावत ने बोला कि अब तक हम सीमा पर आमने-सामने की लड़ाई लड़ते रहे हैं, लेकिन भविष्य में में लड़े जाएंगे। उन्होंने बोला कि चाइना इस ओर बहुत ज्यादा ध्यान दिया है। वह साइबर युद्ध में खुद को बहुत ज्यादा मजबूत कर चुका है। हमें भी अपनी इस ताकत को बढ़ाना होगा।सशस्त्र बल व्यवस्था में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) व बिग डाटा कंप्यूटिंग को शामिल करने पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने बोला कि चाइना इस प्रौद्योगिकी पर बहुत ज्यादा धन खर्च कर रहा है।
सेना प्रमुख ने अपने संबोधन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का जिक्र किया। उन्होंने बोला कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस व बिग डाटा कंप्यूटिंग व कैसे इसे रक्षा प्रणाली में शामिल किया जाए, इसकी प्रासंगिकता को समझना जरूरी है। उन्होंने बोला कि उत्तरी सीमा पर हमारा विरोधी चाइना आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस व साइबर युद्ध पर बहुत ज्यादा पैसा खर्च कर रहा है।हम पीछे नहीं रह सकते। उन्होंने बोला कि हमारे लिए भी महज परिभाषा तक सीमित रखने की स्थान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस व बिग डाटा एनालिटिक्स पर ध्यान केंद्रित करने का समय है।
‘रक्षा विनिर्माण में आत्म निर्भरता’ पर राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन प्रोग्राम को संबोधित करते हुए उन्होंने बोला कि प्रौद्योगिकी में तेजी से विकास की वजह से रक्षा उत्पादन में औद्योगिक एरिया को शामिल करने की आवश्यकता पड़ी। उन्होंने कहा, ‘बंदूक व राइफल के अतिरिक्त हम कई गैर संपर्क वाला युद्ध होते देखेंगे। भविष्य के में लड़े जाएंगे। ’
उन्होंने बोला कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता व बिग डाटा कंप्यूटिंग व कैसे इसे रक्षा प्रणाली में शामिल किया जाए इसकी प्रासंगिकता को समझना जरूरी है। उन्होंने कहा, ‘उत्तरी सीमा पर हमारा विरोधी चाइना कृत्रिम बुद्धिमत्ता व साइबर युद्ध पर बहुत ज्यादा धन खर्च कर रहा है। हम पीछे नहीं रह सकते। ’ सेना प्रमुख ने कहा, ‘हमारे लिये भी महज परिभाषा तक सीमित रखने की स्थान कृत्रिम बुद्धिमत्ता व बिग डाटा एनालिटिक्स पर ध्यान केंद्रित करने का समय है। ’
पाकिस्तान से शांति की गुंजाइश नहीं
उन्होंने बोला कि निकट भविष्य में हिंदुस्तान व पाक के बीच कहीं भी शांति की कोई गुंजाइश नहीं है व इसलिए सशस्त्र बलों को नयी तकनीकों को लागू करने के लिए तैयार रहना होगा।
रक्षा विनिर्माण में आत्म निर्भरता पर राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन प्रोग्राम को संबोधित करते हुए बिपिन रावत ने बोला कि प्रौद्योगिकी में तेजी से विकास की वजह से रक्षा उत्पादन में औद्योगिक एरिया को शामिल करने की आवश्यकता पड़ी। उन्होंने बोला कि बंदूक व राइफल के अतिरिक्त हम कई गैर संपर्क वाला युद्ध होते देखेंगे। भविष्य के में लड़े जाएंगे।