
शिरीन मजारी ने कहा, ‘हम इसे सभी साझेदारों के बीच वितरित करेंगे। इसे कैबिनेट और प्रधानमंत्री को दिखाएंगे।’ जब उनसे पूछा गया कि यह प्रस्ताव किस बारे में हैं तो उन्होंने कहा कि यह संघर्ष समाधान का मॉडल होगा। खान के नेतृत्व वाली सरकार कश्मीर मुद्दे पर प्रस्ताव ऐसे समय पर लेकर आई है जब यह साबित हो गया कि उसकी धरती से आतंकवाद संचालित होता है जिसका प्रभाव भारत और अफगानिस्तान पर पड़ता है।
इमरान खान की सरकार भारत के साथ कश्मीर मुद्दे पर समाधान की बात तो हमेशा करती रही है लेकिन सत्ता में आने के बाद उनकी तरफ से कोई ठोस संकेत नहीं मिले हैं। इसके साथ ही खान सीमा पर शांति की बात करते हैं लेकिन आतंकवाद पर लगाम लगाने को लेकर कुछ नहीं कहा है। जब अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने फोन पर उन्हें बधाई देते हुए पाकिस्तान से चल रहे आंतकवादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात की तो वह नाराज हो गए।