लखनऊ(स्टार एक्सप्रेस)
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि देश की आजादी में हिन्दी एवं उर्दू भाषा का महत्वपूर्ण योगदान था। जनसामान्य द्वारा बोली एवं समझी जाने वाली इन भाषाओं के विकास के लिए राज्य सरकार हर सम्भव सहयोग प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि समाजवादी विचारधारा की राज्य सरकारों ने हिन्दी, उर्दू, संस्कृत एवं अन्य भारतीय भाषाओं के विद्वानों को हमेशा प्रोत्साहित एवं सम्मानित किया। जबकि पिछली राज्य सरकार के समय में विद्वानों को सम्मानित करने की यह परम्परा बंद कर दी गई थी, जिसे वर्तमान राज्य सरकार ने पुनः बहाल करते हुए पुरस्कार राशि को भी दो गुना कर दिया।
मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास पर हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट 2015 की परीक्षा में उर्दू विषय में अपने-अपने जनपद में टाॅप करने वाले छात्र-छात्राओं एवं इनके शिक्षकों को पुरस्कृत करने के बाद अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने हाईस्कूल के 103 तथा इण्टर के 86 छात्र-छात्राओं को 5,100-5,100 रुपए का चेक, प्रशस्ति पत्र एवं मोमेंटो एवं 83 शिक्षकों को क्रमशः 2,100-2,100 रुपए का चेक एवं मोमेंटो देकर सम्मानित किया। उन्होंने हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट 2015 की परीक्षा में उर्दू, संस्कृत एवं हिन्दी विषय में अपने-अपने जनपदों में टाॅप करने वाले छात्र-छात्राओं को लैपटाॅप देने की घोषणा भी की। यादव ने कहा कि आजादी के संघर्ष में उर्दू भाषा ने हिन्दी के साथ मिलकर देश को आजाद कराने के लिए तथा स्वतंत्रता आंदोलन को जन-जन तक पहुंचाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई लेकिन इतिहास में कुछ लोग ही अमर हो पाए, बाकी लोगों को भुला दिया गया। उर्दू एक ऐसी भाषा है जो, समाज को जोड़ने एवं समाज में सद्भाव कायम करने में हमेशा आगे रही है।
उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी द्वारा किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान एवं उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थानम् को जरूरत के हिसाब से आर्थिक मदद उपलब्ध कराई है। इसी प्रकार उर्दू अकादमी को भी आर्थिक मदद दी जाएगी। दुनिया के विकसित देशों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि अपनी भाषा के माध्यम से ही ये देश आज की स्थिति में पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश का मजदूर, गरीब, किसान एवं जनसामान्य उर्दू एवं हिन्दी जुबान ही बोलता है, इसलिए प्रदेश की तरक्की के लिए इन भाषाओं का विकास करना तथा इन्हें प्रतिष्ठा के अनुरूप स्थान दिलाना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। तभी समाज की परम्परा, संस्कृति एवं भाईचारा कायम रह सकता है।
अखिलेश यादव ने राज्य सरकार की बेवजह की जाने वाली आलोचना की तरफ ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि जनपद बदायूं की घटना को अनावश्यक तूल देकर प्रदेश की छवि खराब करने का प्रयास किया गया, जबकि बाद में सच्चाई कुछ और निकली। इसी प्रकार निःशुल्क वितरित किए जा रहे लैपटाॅप की भी आलोचना की गई। जबकि उत्तर प्रदेश सरकार की तर्ज पर इन दलों की राज्य सरकारों द्वारा योजनाएं लागू करने का प्रयास किया जा रहा है या जनता को आगे ऐसे कार्यक्रम संचालित करने का भरोसा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश को खुशहाली के रास्ते पर आगे ले जाने के लिए राज्य सरकार लगातार काम करती रहेगी।
समाजवादी पेंशन योजना की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अपने संसाधनों पर संचालित देश की यह सबसे बड़ी पेंशन योजना है। इसी प्रकार आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे तथा लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना को भी राज्य सरकार अपने वित्तीय संसाधनों के माध्यम से तेजी से आगे बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा संचालित विकास कार्यों एवं जनकल्याणकारी योजनाओं को कतिपय तत्वों द्वारा पसन्द नहीं किया जा रहा है। ऐसे तत्व जानबूझ कर प्रदेश में माहौल खराब करने एवं जनता को दिग्भ्रमित करने का लगातार प्रयास कर रहे हैं, जिसे राज्य सरकार सफल नहीं होने देगी।
इस मौके पर अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मो0 आजम खां ने कहा कि नेताजी के नेतृत्व वाली सरकार ने उर्दू के विकास के लिए काफी काम किया, जिसे वर्तमान राज्य सरकार ने आगे बढ़ाते हुए इसमें और अधिक गति प्रदान की। उन्होंने कहा कि प्रदेश की तरक्की तभी सम्भव है, जब यहां रहने वाले सभी वर्गों एवं समुदायों को विकास का समान अवसर मिले। राज्य सरकार समाज के सभी वर्गों एवं क्षेत्रों के विकास के लिए काम कर रही है।
उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष उदय प्रताप सिंह ने कहा कि हिन्दी के सभी प्रतिष्ठित लेखक एवं कवि उर्दू की अच्छी जानकारी रखते थे। उन्होंने उर्दू एवं हिन्दी भाषाओं के बराबर विकास पर बल देते हुए कहा कि इससे गंगा-जमुनी तहजीब और अधिक मजबूत होगी।
उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी के चेयरमैन डाॅ0 नवाज़ देवबंदी ने विस्तार से अकादमी द्वारा किए गए कार्यों की जानकारी देते हुए कहा कि राज्य सरकार के सहयोग से उर्दू भाषा के विकास के लिए काफी काम किया जा रहा है। उर्दू लेखकों एवं शायरों के इलाज, उनकी पुस्तकों के प्रकाशन, पुस्तकालयों को अनुदान एवं बच्चों में उर्दू के प्रति लगाव पैदा करने के लिए प्रोत्साहन देने के काम किए जा रहे हैं।
कार्यक्रम में राजनैतिक पेंशन मंत्री राजेन्द्र चैधरी, प्रमुख सचिव भाषा किशन सिंह अटोरिया, प्रमुख सचिव सूचना श्री नवनीत सहगल तथा जनपदों से आए छात्र-छात्राएं एवं शिक्षक उपस्थित थे।