देश के पीएम नरेंद्र मोदी ने हाल ही में पूर्ववर्ती सरकारों पर गंगा नदी की सफाई के नाम पर हजारों करोड़ रुपये ‘बहाने’ का आरोप लगाया है व ये बोला है कि इस नदी को निर्मल बनाने के लिए साफ नीयत की भी आवश्यकता है। आपकी जानकारी के लिए बताते चलें पीएम अपने संसदीय निर्वाचन एरिया वाराणसी में ‘एक जनपद, एक उत्पाद समिट’ के उद्घाटन के लिए गए थे व इस मौका पर उन्होंने बोला कि, ‘उनकी गवर्नमेंट काशी समेत सम्पूर्ण पूर्वांचल के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उसी तरह मां गंगा की पवित्रता व अविरलता के प्रति भी उनकी प्रतिबद्धता है। गवर्नमेंट के प्रयासों के परिणाम धीरे-धीरे दिखने भी लगे हैं। ‘
इतना ही नहीं पीएम मोदी ने आगे ये भी बोला कि, ‘जब पूरी पारदर्शिता, प्रामाणिकता व जनभागीदारी से गवर्नमेंट कार्य करती है तब सार्थक परिणाम अवश्य मिलते हैं। वरना, आप तो साक्षी रहे हैं कि गंगा एक्शन प्लान से लेकर, गंगा बेसिन अथॉरिटी तक न जाने कैसी-कैसी योजनाएं बनाई गईं। ‘ पीएम ने अपनी बात रखते हुए बोला कि, ‘मां गंगा के नाम पर हजारों करोड़ बहा दिए गए। गंगा की निर्मलता के लिये धन की शक्ति ही बहुत ज्यादा नहीं है, साफ नीयत भी चाहिए। नीयत साफ है तो गंगा का भी साफ होना तय है। हम पूरी ईमानदारी वसाफ नीयत से गंगा को स्वच्छ करने के अभियान में जुटे हैं। ‘
इस दौरान पीएम मोदी ने अपनी गवर्नमेंट की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाने का भी जिक्र किया व इस बहाने उन्होंने विरोधियों पर निशाना भी साधा व बोला कि इससे बिचैलियों को हटाने में बहुत मदद मिली है। पीएम मोदी ने आगे बोला कि, ‘उनकी गवर्नमेंट ‘मेक इन इडिया’ को मजबूती देने के लिए प्रतिबद्ध है। यूपी गवर्नमेंट की एक जिला, एक उत्पाद योजना मेक इन इंडिया का एक तरह से मजबूत विस्तार है। यह योजना इस प्रदेश को संसार के औद्योगिक मानचित्र पर स्थापित करने में सक्षम है। यह राज्य तो कुटीर, लघु एवं मझोले उद्योगों (एमएसएमई) का हब है। कृषि के बाद सबसे ज्यादा रोजगार यही एरिया देता है। यहां यह एरिया परम्परा का भाग है। यह परम्परा बनी रहे, इसके लिये केन्द्र व राज्य गवर्नमेंटहर सम्भव कोशिश कर रही है। ‘