
महिला के एचआईवी से संक्रमित होने के बाद एंटी-रेट्रोवाइरल इलाज किया गया. प्राधिकारियों का कहना है कि बच्चे को भी एचआईवी हुआ है या नहीं ये उसके जन्म के बाद ही पता चल पाएगा. बता दें एचआईवी संभोग, संक्रमित खून से फैलता है. इसके अतिरिक्त अगर मां एचआईवी से संक्रमित है तो उसके बच्चे को भी ये सकता है. एचआईवी वायरस से संक्रमित मां का दूध यदि बच्चो को पिलाया जाए तो उससे भी बच्चे को एचआईवी हो सकता है.
इस मामले पर तमिलनाडु सेहत विभाग के निदेशक चिकित्सक आर मनोहरन का कहना है कि खामी दो बार हुई है. हमें लैब टेक्नीशियन पर संदेह है, जिसने एचआईवी का परीक्षण नहीं किया. यह दुर्घटनावश हुआ है जानबूझकर नहीं किया गया. हमने जांच के आदेश दे दिए हैं. हम उस आदमी का भी उपचार कर रहे हैं. उन्होंने बोला कि गवर्नमेंट की ओर से महिला वउसके पति को इस कथित लापरवाही के बाद जॉब व मुआवजे के पेशकश की गई है.