नवोदय विद्यालय समिति मानव संसाधन विकास मंत्रालय का एक स्वायत्त संगठन है जो देशभर में 635 स्कूल संचालित करता है. विद्यालय की वेबसाइट के अनुसार, नवोदय विद्यालय प्रणाली जोकि एक अद्वीतीय इस्तेमाल के तौर पर प्रारम्भ हुई थी वह आज हिंदुस्तान में स्कूली एजुकेशन के मामले में बेजोड़ बन गई है. नियमों के अनुसार स्कूल की 75 फीसदी सीट ग्रामीण विद्यार्थियों के लिए आरक्षित होती हैं. इसी वजह से 100 फीसदी आबादी वाले जिलों में कभी जेएनवी को मंजूरी नहीं दी जाती है.
वर्तमान में 635 जेएनवी में 2.8 लाख बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं. 31 मार्च 2017 तक 9 से 19 वर्ष की आयु के कुल 2.53 लाख बच्चों ने लगभग 600 जेएनवी में दाखिला लिया. 2013 में 8 बच्चों ने, 2014 में 7, 2015 में 8, 2016 में 12 व 2017 में 14 बच्चों ने आत्महत्या की. जेएनवी में आत्महत्या करने वाले 16 बच्चे अनुसूचित जाति के थे. अनुसूचित जाति वअनुसूचित जनजाति के बच्चों की संख्या को मिलाकर यह आंकड़ा 25 हो जाता है. वहीं सामान्य व पिछड़ी जाति के 12-12 बच्चों ने मौत को गले लगाया है.