हिंदुस्तान ने छह वर्ष की कारागार की सजा के बाद पाक द्वारा हामिद निहाल अंसारी को रिहा करने पर राहत जाहीर करते हुए पाक से मछुआरों समेत उन अन्य इंडियननागरिकों को भी मुक्त करने की विनती की जिनकी सजा पूरा हो चुकी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने सोमवार को पत्रकारों से कहा, ‘‘हमें पाक से आज एक नोट (संदेश) मिला है कि वे इंडियन नागरिक श्री हामिद निहाल अंसारी को कल रिहा कर रहे हैं। यह हमारे लिए बड़ी राहत का मामला है, खासतौर पर परिवार के सदस्यों के लिए। पाक की कारागारमें एक असैन्य इंडियन की कैद समाप्त हो रही है। ’’
मुंबई निवासी 33 वर्षीय अंसारी को पेशावर केंद्रीय जेल में रखा गया था। उन्हें 15 दिसंबर 2015 को एक सैन्य न्यायालय ने कारागार की सजा सुनाई थी। न्यायालय की ओर से दी गई सजा पूरी होने पर उन्हें पाकिस्तानी कारागार से बरी कर दिया गया। अंसारी ने औनलाइन संपर्क के जरिये बनी महिला दोस्त से मिलने के लिए कथित रूप से अफगानिस्तान से पाकमें प्रवेश किया था।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, हिंदुस्तान ने अंसारी तक राजनयिक पहुंच देने के लिए 96 बार ‘नोट वरबल्स’ (राजनयिक तौर पर संवाद) जारी किये व उन्हें रिहा करने का फैसला नयीदिल्ली के लगातार दबाव का नतीजा है। प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हम चाहेंगे कि पाक अन्य इंडियन नागरिकों व मछुआरों की तकलीफ भी दूर करने के लिए कार्रवाई करे, जिनकी पहचान की पुष्टि हो चुकी है व जिनकी सजा पूरी हो गई है, लेकिन वे पाक की जेलों में बंद हैं।
पेशावर हाई न्यायालय का आदेश
अंसारी की कारागार की सजा पिछले सप्ताह पूरी हो गई थी, लेकिन कानूनी दस्तावेज तैयार नहीं होने की वजह से वह हिंदुस्तान के लिए रवाना नहीं हो सके। बृहस्पतिवार को पेशावर हाई न्यायालय ने केंद्र गवर्नमेंट को उनको वापस वतन भेजने की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए एक महीने का वक्त दिया था।
सरकारी सूत्रों ने बताया कि राजनयिक पहुंच के लिए व उनके खिलाए लगाए गए आरोपों पर स्पष्टता के लिए 96 बार ‘नोट वरबल्स’ जारी किए गए जिन पर हिंदुस्तान को संतोषजनक रिएक्शन नहीं मिली। सूत्रों ने बताया कि 16 दिसंबर को उनकी कारागार की सजा समाप्त हो रही थी, इसे देखते हुए हिंदुस्तान ने पिछले सप्ताह कई स्तरों पर अंसारी की रिहाई व जल्द से जल्द उन्हें हिंदुस्तान भेजने की मांग की।
फौजिया अंसारी
2012 में कोहट में पाक की खुफिया एजेंसियों व लोकल पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद अंसारी लापता हो गए थे। उनकी मां फौज़िया अंसारी की बन्दी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर उच्च कोर्ट को सूचित किया गया कि वह पाकिस्तानी सेना की हिरासत में है व सैन्य न्यायालय में उन पर मुकदमा चलाया जा रहा है।