वहीं बता दें कि लेटर में संजय सिंह ने बोला कि शुक्रवार को राफेल पर आए सुप्रीम न्यायालय के निर्णय के पैरा 25 को पढ़कर वे दंग हैं. वहीं बता दें कि इस पैरे में लिखा है कि राफेल विमान की मूल्य से संबंधित जानकारी सीएजी से साझा की गई थी व सीएजी की संबंधित रिपोर्ट की लोक लेखा समिति ने जांच कर ली है. इसके साथ ही संजय सिंह के अनुसार बता दें कि निर्णय की यह लाइनें पूरी तरह गलत हैं. वहीं अब तक न तो सीएजी की रिपोर्ट संसद के पटल पर रखी गई है व न ही यह पीएसी के सामने आई. संजय सिंह ने गवर्नमेंट पर सुप्रीम न्यायालय को गलत जानकारी देने का आरोप लगाया.
गौरतलब है कि सभापति से विनती की है कि मामले की संजीदगी को देखते हुए महान्यायवादी को सदन के सामने पेश होने का आदेश दें. इससे सदन को सही जानकारी मिल सकेगी.इसके साथ ही बता दें कि संजय सिंह ने मीडिया से बातचीत में बोला कि सुप्रीम न्यायालय के आदेश के पैरा नंबर 32 में लिखा है कि फ्रांस की कंपनी डसॉल्ट की बात अंबानी की कंपनी से 2012 से चल रही थी. सभी जानते हैं कि अंबानी की कंपनी करार होने से 12 दिन पहले ही बनी है.