
वहीं गुरू गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय ने भी इस मामले को देखने के लिए एक समिति गठित की. यह सवाल सात दिसंबर को एलएलबी की तीसरे सेमेस्टर की ‘लॉ ऑफ क्राइम्स’ के प्रश्नपत्र का भाग था. सोशल मीडिया पर उच्चतम कोर्ट के एक एडवोकेट ने इस प्रश्न को उजागर किया था. विश्वविद्यालय के एक ऑफिसर ने कहा, ‘‘ इस मामले में अगर कोई दोषी पाया जाता है तो उसे इम्तिहान प्रक्रिया से बाहर कर दिया जाएगा.‘
यह सवाल कुछ इस तरह था, ‘‘ अहमद नाम का एक मुस्लिम आदमी एक मार्केट में रोहित, तुषार, मानव व राहुल जो कि हिंदू हैं, उनके समक्ष गौवध करता है तो क्या अहमद ने कोई क्राइम किया?’ उच्चतम कोर्ट के एडवोकेट बिलाल अनवर ने प्रश्नपत्र की स्क्रिनशॉट शेयर करते हुए ट्विटर हैंडल से लिखा है था. उन्होंने चंद्र प्रभु जैन (सीपेजे) कॉलेज ऑफ हायर स्ट्डीज एंड स्कूल ऑफ लॉ, नरेला को भी इस ट्वीट में टैग किया. इस टकराव पर रिएक्शन देते हुए दिल्ली गवर्नमेंट ने जांच के आदेश दिए हैं.