उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में पिछले दिनों भीड़ की हिंसा का शिकार हुए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के परिवार वालों का कहना है कि उन्होंने पहले ही किसी अनहोनी की आशंका जताई थी.
बीबीसी से बातचीत में सुबोध कुमार सिंह के बेटों ने बताया कि पिछले कुछ समय उनके पिता अक़्सर सतर्क रहने की हिदायत देते थे.
इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह एटा के रहने वाले थे. एटा ज़िला मुख्यालय से क़रीब 40 किलोमीटर दूर तरिगंवा गांव में उनके घर पर अब भी लोगों का तांता लगा हुआ है. गांव वालों में उनकी मौत का ग़म है तो सरकारी कार्रवाई से नाराज़गी भी.
इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के बड़े बेटे श्रेय प्रताप सिंह
शनिवार की शाम को उनके घर के बाहर आठ-दस लोग बैठकर आग ताप रहे थे. ये लोग उनकी पत्नी और बेटों का इंतज़ार कर रहे थे जो कुछ धार्मिक संस्कार के लिए बाहर गए थे.
वहां से आने के बाद सुबोध कुमार के बड़े बेटे श्रेय प्रताप सिंह ने बीबीसी को बताया, “वैसे तो पापा अपनी नौकरी से संबंधित बातचीत हमलोगों से नहीं करते थे लेकिन इधर कुछ महीनों से हमें सतर्क रहने, अकेले न जाने और रात में देर से न आने जैसी हिदायतें दे रहे थे.”
श्रेय बताते हैं कि उनके पिता बुलंदशहर में तैनाती के बाद से ही काफ़ी तनाव में थे.
उनके मुताबिक़, “कई बार बातचीत में परोक्ष रूप से कुछ न कुछ ऐसा बता देते थे, जिससे उनके तनाव की वजह समझी जा सकती थी. अक्सर काम में बाहरी दबाव की चर्चा करते थे और ये भी कहते थे कि इस नौकरी में सही और ईमानदारी से काम करना कितना मुश्किल है.”