नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने तमिलनाडु के तूतिकोरिन में स्टरलाइट कॉपर यूनिट के मामले पर सुनवाई अगले हफ्ते सोमवार के लिए टाल दी है. वहीं, कंपनी ने शुक्रवार को सुनवाई के दौरान बोला कि वह अपने व्यावसायिक सामाजिक दायित्व (सीएसआर) के इतर एरिया में अस्पताल, स्कूल जैसी अन्य सुविधाओं के लिए 100 करोड़ रुपये खर्च करने को तैयार है.

जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने पक्षों को सुनन के बाद बिना किसी फैसला मामले की सुनवाई 10 दिसंबर के लिए टाल दी है. सुनवाई के दौरान कंपनी की ओर से पेश अधिवक्ता ने बोला कि हिंदुस्तान कॉपर का सबसे बड़ा आयातक है. सिर्फ स्टरलाइट 36 प्रतिशत कॉपर का निर्माण राष्ट्र के भीतर करती है.
इस यूनिट के बंद होने के बाद राष्ट्र में कॉपर का आयात 247 प्रतिशत बढ़ गया है. यूनिट के विस्तार के बाद यह सारा टकराव खड़ा हुआ है. यूनिट के जरिए प्रदूषण नहीं किया जा रहा.हम 10 करोड़ सीएसआर के अतिरिक्त 100 करोड़ रुपये इलाके में सुविधाओं को बढ़ाने व खर्च करने के लिए तैयार हैं.