लेमन ग्रास दिलाएगा कन्नौज को अन्तर्राष्ट्रीय पहचान

लखनऊ/कन्नौज ()। विश्व बैंक के टीम के सदस्य ने कहा कि कन्नौज जिले में ऊसर सुधार के साथ लेमन ग्रास की व्यावसायिक कृषि का उत्पादन कर प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश में अनोखा सफल प्रयोग किया है। इस प्रयोग का विस्तार ऊसर सुधार में भारत में ही नहीं, बल्कि अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व बैंक के सहयोग से अन्य देशों में भी किया जायेगा।

विश्व बैंक की टीम ने जिलाधिकारी कन्नौज अनुज कुमार झा की प्रशंसा करते हुये कहा कि भूमि सुधार निगम के ऊसर विकास कार्यक्रम, मनरेगा एवं बायो एनर्जी मिशन के कनवर्जेंस का राज्य ही नहीं, पूरे देश में सबसे बेहतरीन प्रयोग कृषि एवं किसानों के आर्थिक विकास में किया गया है। उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी ने यह कनवर्जेंस के माध्यम से व्यक्तिगत प्रयास कर 500 एकड़ में लेमन ग्रास की खेती ऊसर भूमि पर करायी है। साथ ही उससे तेल निकालने के लिये क्रिटिकल गैप से दो आसवन प्लांट अवसेर एवं अलीनगर में स्वीकृत किया है। उन्होंने कहा कि जनपद के अन्य स्थानों में भी चिन्हित भूमि पर प्रयोग कर किसानों को लाभान्वित कराने के लिए पूरी मदद की जायेगी। उन्होंने कहा कि इससे ऊसर जमीन का उपयोग होकर इत्र उद्योग की मार्केटिंग में भी लाभप्रद होगा।

जिलाधिकारी के इस प्रयास की अभी कुछ ही दिन पहले योजना आयोग के उपाध्यक्ष ने प्रशंसा करते हुये कहा था कि ऊसर सुधार कार्यक्रम के अन्तर्गत लेमन ग्रास खेती का उपयोग कन्नौज का बेहतरीन सफल प्रयोग है और इस प्रयोग को पुरस्कृत भी किया जाएगा। इस प्रकार कन्नौज में आरंभ किया गया लेमन ग्रास की खेती अन्तर्राष्ट्रीय पहचान स्थापित करना आरंभ कर दिया है। विश्वबैंक के पांच सदस्यीय टीम ने आज जिलाधिकारी कन्नौज अनुज कुमार झा के प्रयास से जनपद कन्नौज में आरंभ किये गये लेमन ग्रास की खेती का अध्ययन किया। टीम में विश्व बैंक के वरिष्ठ ग्रामीण विकास विशेषज्ञ ट्यूमर दवा, बायर सायखान, पीएस सिद्धू, एम स्वामीनाथन तथा अरविन्द माया सम्मिलित थे।

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