प्रेरणा स्रोत अपने बीच में ही ढूंढ़ने होंगेःसीएम

लखनऊ (स्टार एक्सप्रेस) मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि समाज को अपने प्रेरणा स्रोत अपने बीच में ही ढूंढ़ने होंगे। ये प्रेरणा स्रोत अपने उत्कृष्ट कार्यों से समाज के सामने उदाहरण प्रस्तुत करने वाले लोग होने चाहिए। इन्हें पहचान कर सम्मान दिलवाने का काम सरकार को करना होगा। समाजवादी सरकार अपने इस दायित्व को निभाने के लिए काम कर रही है|
मुख्यमंत्री अपने सरकारी आवास पांच कालिदास मार्ग पर आयोजित एक कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्यों से उदाहरण बनने वाले लोगों को सम्मानित करने के बाद अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने विश्वास जताया कि सम्मानित किए गए लोगों के काम से अन्य लोग प्रेरणा लेंगे। उन्होंने कहा कि डॉ. राम मनोहर लोहिया कहते थे कि समाज अच्छा तब तक नहीं बन सकता, जब तक की बुरे को बुरा न कहा जाए। उनका मानना है कि बुराइयों के साथ अच्छाइयों को पहचानने की भी कोशिश होनी चाहिए। 
कार्यक्रम में मुख्मंत्री ने कहा कि समाजवादी सरकार सभी प्रतिभाओं को पहचान बनाने का अवसर देने के लिए कृतसंकल्प है। गरीब और आगे बढ़ने की इच्छा के साथ संघर्ष करने वाले छात्रों और नौजवानों की मदद के लिए राज्य सरकार लगातार काम कर रही है। इससे पहले मुख्यमंत्री ने बलिया जिले के ग्राम दलछपरा के बहादुर युवकों राजकुमार साहनी, संजय साहनी, शिवकुमार साहनी, पिंटू साहनी को 
एक लाख रुपए का चेक देकर, मिर्जापुर के गांव दलापट्टी के 60 वर्षीय रामजीत यादव को पांच लाख रुपए का चेक देकर, जनपद लखनऊ के गोमती नगर के कृष्ण कुमार को एक लाख रुपए का चेक देकर तथा लखनऊ जिले की 15 वर्षीय सुषमा वर्मा को पांच लाख रुपए का चेक देकर सम्मानित किया। गौतमबुद्धनगर, नोएडा के 13 वर्षीय हरेन्द्र सिंह को भी सम्मानित किया गया और उन्हें पांच लाख रुपए की आर्थिक सहायता दिए जाने की घोषणा की गयी है।
ज्ञात हो कि बलिया के ग्राम दलछपरा के युवकों ने गांव में घुस आये एक छह फुट लम्बे व 75 किलोग्राम वजनी मगरमच्छ, जिसे वन अधिकारी पकड़ने में सफल नहीं हो पा रहे थे। इसे पकड़कर घाघरा नदी में छोड़ने में वन अधिकारियों की सहायता करके गांव वालों को मगरमच्छ के भय से छुटकारा दिलाया था। इसी प्रकार जनपद मिर्जापुर के ग्राम दलापट्टी निवासी रामजीत यादव ने बच्चों से भरी एक डूबती नाव से अपनी जान की परवाह न करते हुए कई बच्चों को बचाया था। मुख्यमंत्री ने गोमती नगर निवासी कृष्ण कुमार को एक लाख रुपये का चेक देकर सम्मानित किया। पुलिस के एक उपनिरीक्षक द्वारा कृष्ण कुमार के साथ दुर्व्यवहार करते हुए उनका टाइपराइटर कुछ दिनों पहले तोड़ दिया गया था। इसके अलावा मुख्यमंत्री द्वारा 13 वर्षीय हरेन्द्र सिंह को सम्मानित किया गया। हरेन्द्र 9वीं कक्षा के छात्र हैं। इनके पिता बेरोजगार हैं। हरेन्द्र दिन में स्कूल जाकर पढ़ाई करते हैं और रात में मेट्रो स्टेशन के सामने वेइंग मशीन से लोगों का वजन लेकर इससे होने वाली आमदनी से अपना घर भी चलाते हैं। मुख्यमंत्री ने सुषमा वर्मा को पांच लाख रुपए का चेक देकर सम्मानित किया। 15 वर्षीय इस बालिका ने मात्र सात वर्ष की अवस्था में हाईस्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली थी। सुषमा इस समय विश्वविद्यालय में पीएचडी की शोध छात्रा हैं। 

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