कोरोना के बाद यूपी में डेंगू और वायरल बुखार का बढ़ा खतरा, केंद्र ने दिए इससे बचने के ये सुझाव

स्टार एक्सप्रेस डिजिटल  : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh Fever) के फिरोजाबाद (Firozabad) में संदिग्ध डेंगू (Dengue) और वायरल बुखार (viral fever) की वजह से बच्चों की मौतों के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की पांच सदस्यीय टीम ने शुक्रवार को घर-घर जाकर निरीक्षण किया। इसी के साथ टीम ने लोगों को इस बुखार का प्रसार रोकने के लिए करने वाले उपायों के बारे में भी बताया। टीम ने जिले में डोर-टू-डोर निरीक्षण (Door to Door Survey) करने के बाद जिले के स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ बैठक भी की।

 

 

 

 

मीटिंग के बाद फिरोजाबाद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. दिनेश कुमार प्रेमी ने बताया कि जब भी किसी राज्य में महामारी होती है तो केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम राज्य का दौरा करती है। इसलिए पांच डाक्टरों की टीम आई है। ये डॉक्टर अपने क्षेत्र में विशेषज्ञ हैं। टीम ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया है और महामारी के कारणों के बारे में जांच की गई। जांच के बाद टीम ने महामारी को रोकने के बारे में सुझाव देगी। ये टीम पिछले पांच दिनों से यहां काम कर रही है। हम स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। इसलिए हम लोगों को बता रहे हैं कि वो महीने के लिए कूलर नहीं भरें।

 

 

 

 

पानी और गंदगी में मिले मच्छर
डोर-टू-डोर निरीक्षण के बाद लखनऊ के कीट विज्ञानी डॉ सुदेश कुमार ने कहा कि हमने पूरा सर्वे किया है और पानी और गंदगी में मच्छर मिले हैं। इसलिए जिलाधिकारी ने लोगों को अपने कूलर में पानी अगले एक महीने तक नहीं भरने के लिए कहा है। हमने यहां काफी सैंपल इकट्ठे किए हैं। हमें यहा लार्वा भी मिले हैं। यहां के लोगों को जागरूक भी किया गया है कि वे कूलर या आसपास कहीं भी पानी जमा न होने दें।

 

 

 

 

बड़ी संख्या में मिला डेंगू का लार्वा
इस टीम का नेतृत्व कर रहे स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. अवघेश यादव ने कहा कि गुरुवार को उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग की पांच सदस्यीय टीम निरीक्षण किया था और यहां बड़ी संख्या में डेंगू मच्छर के लार्वा पाए गए। ये टीम 30 अगस्त को लखनऊ से फिरोजाबाद पहुंची थी।

 

 

 

अवधेश यादव ने कहा कि सरकार के निर्देशानुसार यह टीम लखनऊ से राज्य स्तर पर भेजी गई है। टीम 30 अगस्त को पहुंची थी। हमने देखा कि इस जिले में गंभीर बीमारी के कारण बच्चों के बीमार होने की दर ज्यादा है।

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