पिता मुलायम के दिनों की याद दिला कर दिल जीत ले गए अखिलेश यादव, चाचा शिवपाल का जिक्र कर मांग ली सीटें

स्टार एक्सप्रेस  : मुलायम के संसदीय क्षेत्र में विजय संकल्प यात्रा लेकर आए अखिलेश ने मैनपुरी के लोगों की हर नब्ज को छुआ। मैनपुरी के क्रांतिकारी इतिहास से भाषणों की शुरुआत कर अखिलेश ने पिता मुलायम के संघर्ष को भी मैनपुरी से जोड़ा। कहा कि परिवर्तन के लिए जब भी संघर्ष की जरूरत पड़ी मैनपुरी ने हमेशा सपा का साथ दिया। चाचा के साथ अलगाव के सवाल को भी उठाया और कह दिया कि अब तो चाचा की पार्टी से भी गठबंधन हो गया है। 32 मिनट के उदबोधन में अखिलेश ने चारों ही सीटों को मांगा साथ ही ये भी संकल्प लिया कि मैनपुरी के लोग 2022 के अलावा 2024 की लड़ाई में सपा का आगे भी साथ देंगे।

अखिलेश दोपहर एक बजे क्रिश्चियन मैदान पहुंचे। उनका यात्रा रथ दो घंटे पहले ही आ गया था। सपा नेताओं ने मैदान के मंच पर अखिलेश के संबोधन की व्यवस्थाएं की थीं। लेकिन अखिलेश ने मंच की अपेक्षा अपने रथ से ही संबोधन की शुरुआत की। 32 मिनट के संबोधन में अखिलेश ने मैनपुरी के इतिहास को आजादी के दीवाने बिस्मिल से जोड़ा और चंबल तथा यमुना के महत्व को भी सामने रखा। नेताजी के क्षेत्र में अखिलेश ने भीड़ से चारों सीटें मांगी तो भीड़ का शोर सुनकर सपाईयों के चेहरे खुशी से भर उठे। अखिलेश भी भीड़ के शोर से गदगद नजर आए।

सपा और अपने ऊपर हो रहे हमलों का भी अखिलेश ने खुलकर जवाब दिया। कहा कि कुछ लोग लाल रंग पर सवाल उठा रहे हैं। लेकिन लाल रंग क्रांति का और भावनाओं का रंग है। चुनाव आ गया है तो लैपटॉप, टैबलेट, स्मार्टफोन बांटने की बात हो रही है लेकिन बाबाजी खुद लैपटॉप चलाना नहीं जानते। आयकर के छापों पर अखिलेश की तल्खी झलकी और कहा कि वह इन छापों से डरने वाले नहीं हैं क्योंकि जो डर गया वो समझो मर गया।

अखिलेश ने युवाओं को साथ जोड़ने की कोशिश की वहीं किसानों को खाद, बीज, महंगाई के मुद्दे पर अपने साथ लाने का प्रयास किया। लखीमपुर में किसानों की हुई हत्या का जिक्र करते हुए ये भी कह दिया कि प्रदेश में पहली बार ऐसा मुख्यमंत्री बना है जिसके ऊपर मुकदमे थे और वे मुकदमे मुख्यमंत्री ने खुद ही वापस ले लिए। मैनपुरी के रुके हुए विकास, महंगी बिजली, सिंचाई के लिए पानी की किल्लत के जरिए भी अखिलेश ने सपा के लिए समर्थन मांगा।

मैनपुरी में संकल्प यात्रा लेकर आए अखिलेश यादव ने कार्यकर्ताओं की नब्ज को छुआ। कहा कि उन्होंने छोटे-छोटे दलों से भाजपा को हराने के लिए समझौते किए हैं। अब उन्होंने चाचा की पार्टी को भी अपने साथ ले लिया है। अखिलेश के इतना कहते ही मैदान शोर से भर गया। इस शोर को सुनकर अखिलेश मुस्कराए और भीड़ से लगे हाथ चारों ही सीटें सपा को जिताने का संकल्प भी ले लिया। अखिलेश ने कहा कि हम मिलकर इस अनुपयोगी सरकार को हराएंगे। उन्होंने कहा कि मैनपुरी नेताजी का क्षेत्र है।

जब-जब सपा को संघर्ष के दिनों में जरूरत पड़ी, मैनपुरी ने सपा के साथ इतिहास बदला है। उन्होंने भीड़ से पूछा कि भाजपा सरकार को हटाओगे कि नहीं हटाओगे। तेज शोर ने सरकार हटाने का भरोसा दिया तो अखिलेश ने भीड़ का आभार जताने में भी देर नहीं की। उन्होंने कहा कि इस सरकार ने सिर्फ नाम बदले हैं उनकी योजनाओं के शिलान्यास के शिलान्यास और उदघाटन के उदघाटन किए हैं। ये सरकार कैसी है ये सभी लोग देख रहे हैं। लोगों को सिर्फ अपमानित किया जा रहा है।

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